अयोध्या में राम मंदिर, रामलला जन्मभूमि दर्शन की स्टेप-बाइ-स्टेप गाइड, टाइमिंग भी जानें
Ayodhya Tourism: उत्तर प्रदेश में काशी, मथुरा और अयोध्या, ये तीन शहर धार्मिक यात्रा और पर्यटन के नजरिए से बेहद खास हैं. अयोध्या में इस…
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Ayodhya Tourism: उत्तर प्रदेश में काशी, मथुरा और अयोध्या, ये तीन शहर धार्मिक यात्रा और पर्यटन के नजरिए से बेहद खास हैं. अयोध्या में इस वक्त बड़ी तेजी से भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर के पहले तल का काम पूरा हो चुका है. मंदिर के गर्भगृह और दीवारों पर देवी-देवताओं के प्रतिमाओं की खूबसूरत नक्काशी की जा रही है. नवंबर 2023 तक यह सारे काम पूरे हो जाने की उम्मीद है. ऐसा माना जा रहा है कि 16 से 24 जनवरी, 2024 के बीच राम लाला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक अयोध्या पौराणिक कोसलदेश की राजधानी रही है. इसपर इक्ष्वाकु, पृथु, मांधाता, हरिश्चंद्र और भगवान श्री राम का शासन रहा है. इसे आदर्श ‘राम राज्य’ का पर्याय माना गया है. पौराणिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध अयोध्या सरयू नदी के पूर्वी तट पर स्थित है. अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं, तीर्थयात्री हैं, या इस प्राचीन शहर के बारे में जानने को उत्सुक हैं, तो इसके लिए हमारी इस स्टेप-बाइ-स्टेप जानकारी का इस्तेमाल कर सकते हैं.
अयोध्या कैसे पहुंचें?
अगर आप अयोध्या जाना चाहते हैं, तो इसके तमाम साधन मौजूद हैं. आप नीचे दिए गए तरीकों से अयोध्या पहुंच सकते हैं:
एयर कनेक्टिविटी (Ayodhya By Air)
अयोध्या में एयर कनेक्टिविटी के लिए तेजी से काम चल रहा है. यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के इस साल के अंत तक फंक्शनल हो जाने की पूरी उम्मीद है. वैसे लखनऊ का चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट अयोध्या के लिए सबसे नजदीकी एयर कनेक्टिविटी है. इसके अलावा गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी एयरपोर्ट से भी यहां पहुंचा जा सकता है,
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ट्रेन कनेक्टिविटी (Ayodhya By Train)
अयोध्या और फैजाबाद रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से सीधे तौर पर जुड़े हैं. इसके अलावा लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी जैसे मेजर स्टेशन से भी इन दोनों स्टेशनों की कनेक्टिविटी शानदार हैं. ट्रेनों के ढेरों ऑप्शन मौजूद हैं, जिन्हें IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट पर चेक किया जा सकता है.
रोड कनेक्टिविटी (Aydohya By Road)
अयोध्या के लिए यूपी परिवहन निगम की बसें 24 घंटे उपलब्ध हैं. यूपी के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज से भी अयोध्या के लिए रोड कनेक्टिविटी है. इसके अलावा दिल्ली से भी आप पहले यमुना एक्सप्रेसवे, फिर लखनऊ एक्सप्रेसवे से होते हुए अयोध्या पहुंच सकते हैं. दिल्ली से भी अयोध्या के लिए सीधी बस सर्विस मौजूद है.
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ये है अयोध्या जाने का आइडियल सीजन (Ideal Seasons for Ayodhya Exploration)
अयोध्या यात्रा का बेस्ट समय: वैसे तो प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में बिताया गया हर पल आपको आस्था से भर देता है. श्रद्धालुओं के लिए तो यहां का हर दिन ही पुण्य है फिर भी अगर आप मौसम इत्यादि सभी चीजों का ख्याल रखना चाहते हैं, अक्टूबर से मार्च के बीच अपनी यात्रा की योजना बनाएं. अयोध्या में गर्मियों में (अप्रैल से जून) तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है, जबकि सर्दियों (नवंबर से फरवरी) में ठंड बढ़ जाती है और तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या इसके नीचे भी चला आता है.
राम जन्मभूमि के दर्शन की टाइमिंग – Darshan timings for Shri Ram Janmabhoomi in Ayodhya
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या के केंद्र में स्थित है. वैसे तो दर्शन की टाइमिंग सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक है, लेकिन सावन मेले इत्यादि को देखते हुए दर्शन की टाइमिंग सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक है. मंदिर में कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है.
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के अलावा इन जगहों को भी करें एक्सप्लोर
- हनुमानगढ़ी मंदिर: भगवान हनुमान को समर्पित यह अयोध्या का प्रसिद्ध मंदिर है. इसे 10वीं शताब्दी में बनाया गया था. ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान हनुमान रहते हैं और अयोध्या की रक्षा करते हैं.
- रामकोट: यह भी अयोध्या की प्रमुख जगहों में से एक है. यूपी टूरिज्म की वेबसाइट के मुताबिक गर्मियों में यहां की टाइमिंग सुबह 6.30 से 10.30 और दोपहर 3.00 से शाम 6.00 बजे शाम की है. जाड़े में यह टाइमिंग सुबह 7.30 से 10.30 और दोपहर 2.00 से शाम 5.00 बजे की है. यहां चैत्र महीने (मार्च-अप्रैल) में राम नवमी का पर्व धूम-धाम से मनाया जाता है.
- नागेश्वरनाथ मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और ऐसी मान्यता है कि श्रीराम के छोटे बेटे कुश ने इसे बनवाया था. राम की पैड़ी पर स्थित इस मंदिर के बारे में एक रोचक कहानी है. इसके मुताबिक कुश एक बार सरयू में स्नान कर रहे थे और उनका बाजूबंद गिर गया. एक नाग कन्या ने यह बाजूबंद ढूंढ कर दिया. नाग कन्या शिवभक्त थी, तो कुश ने उनके लिए यह मंदिर बनवाया.
- कनक भवन: इसे 1891 में मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ की रानी वृषभानु कुंवरि ने बनवाया था.
- त्रेता के ठाकुर: यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है. ऐसी मान्यता है कि इसी मंदिर में श्रीराम ने अश्वमेघ यज्ञ किया था. हिमाचल प्रदेश में स्थित कुल्लू के राजा ने तीन शताब्दी पहले इस मंदिर के मौजूदा स्वरूप का निर्माण कराया था. बाद में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने इसका जीर्णोद्धार कराया. यहां की मूर्तियां काले पत्थर से बनाई गई हैं.
- राम की पैड़ी: सरयू तट पर बनी घाटों की शृंखला दर्शनीय है. ऐस मान्यता है कि यहां स्नान करने से पाप धुल जाते हैं.
- गुप्तार घाट: यह घाट भी सरयू किनारे है और मान्यता है कि इसी घाट पर भगवान राम ने जलसमाधि ली थी. यहां घाट पर राम जानकी मंदिर, नरसिंह मंदिर, हनुमान मंदिर समेत कई मंदिरों के दर्शन किए जा सकते हैं.
- देवकाली मंदिर: इस मंदिर से जुड़ी कहानी रामायण में बताई गई है. इसके मुताबिक माता सीता अपने साथ गिरिजा देवी की एक मूर्ति लेकर अयोध्या आई थीं. बाद में राजा दशरथ ने एक मंदिर बनवाकर उसमें मूर्ति की स्थापना कराई. सीता देवी रोज यहां पूजा करती थीं.
ये लिस्ट सिर्फ यहीं खत्म नहीं होती. अयोध्या में ऐसे तमाम धार्मिक महत्व की चीजें हैं, जो यहां पहुंच कर एक्सप्लोर की जा सकती हैं. अयोध्या की शानदार कनेक्टिविटी को देखते हुए आप जब मन करे तब श्रीराम की नगरी की अपनी यात्रा प्लान कर सकते हैं.
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