UPSC इंटरव्यू में बस्ती के बजरंग से छुट्टा जानवरों को लेकर पूछा गया ये सवाल, इस जवाब से हुए सेलेक्ट

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Bajrang Prasad News: UPSC 2022 नतीजों में 454वीं रैंक हासिल करने वाले बजरंग प्रसाद की कहानी बेहद ही प्रेरणादायक है. आपको बता दें कि हालात पक्ष में न होने के बावजूद यूपी के बस्ती जिले के रहने वाले बजरंग ने अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते यह कामयाबी हासिल की है. बता दें कि बजरंग ने साल 2019 में UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू की थी. साल 2020 में उनके पिता की हत्या हो गई. पिता की हत्या के बाद बजरंग के सिर पर UPSC की परीक्षा को पास करने का जुनून सवार हो गया था. और उन्होंने अपने तीसरे ही प्रयास में इसे पास कर लिया. इस बीच हमारे सहयोगी चैनल न्यूज तक ने बजरंग प्रसाद से खास बातचीत की है. बातचीत में बजरंग ने बताया है कि उनसे इंटरव्यू में क्या सवाल पूछा गया था. बजरंग के अनुसार, उनसे छुट्टा जानवर की समस्या के निवारण के बारे में सवाल किया गया था, जिसका उन्होंने ऐसा जवाब दिया कि इंटरव्यू बोर्ड में बैठे लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी.

बजरंग ने बताई ये बात

बजरंग प्रसाद के अनुसार प्रीती सुदन के बोर्ड ने उनका इंटरव्यू लिया था. बजरंग ने बताया कि 25 से 30 मिनट तक चले इंटरव्यू में उनसे कई तरह के सवाल किए गए थे. मगर उनमें सबसे अच्छा सवाल छुट्टा पशुओं को लेकर पूछा गया था. बजरंग ने बताया कि उनसे पूछा गया था, ‘यूपी में छुट्टा पशुओं की समस्या है, क्या कुछ किया जाए कि सरकार को पैसा भी न देना पड़े और समाधान भी हो जाए?’

इसके जवाब में बजरंग ने कहा,

“मैम मैं चाहता हूं कि शहर के जितने भी छुट्टा पशु हैं और जो शहर में लोग ऐसे ही घूम रहे हैं, एक गौशाला बनाकर दोनों को साथ में रख दिया जाए. इससे लोगों को फ्री में दूध-दही मिल जाएगा और गायों के पालन के लिए पशुपालक भी मिल जाएंगे. वह पैसा भी कमा लेंगे दूध-दही बेच कर. चाहे वे लोग गोबर गैस भी बना सकते हैं.”

बजरंग के अनुसार उनका यह जवाब सुनने के लिए इंटरव्यू बोर्ड के लोग खुश थे और उनके चेहरे पर मुस्कान थी. उन्होंने बताया कि उन्हें इंटरव्यू में 190 मार्क्स मिले थे, जो अच्छे माने जाते हैं.

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‘पढ़ाई के लिए पिता ने गेहूं की फसल बेच दी थी’

बजरंग ने बताया कि 10 मई, 2019 से उन्होंने दिल्ली में आकर UPSC की परीक्षा की तैयारी शुरू की. उन्होंने बताया कि दिल्ली में पढ़ाई के लिए पैसे के इंतजाम करने के लिए उनके पिता ने साल 2020 में गेहूं की फसल को बेच दी थी. 40-50 हजार रुपये में फसल की बिक्री हुई थी. यह पूरा पैसा पिता ने कोचिंग की फीस के लिए उन्हें दे दिया था.
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बजरंग यादव से की गई पूरी बातचीत यहां नीचे सुनी जा सकती है-

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