अतीक के कब्जे से मुक्त जमीन पर बने फ्लैटों में रहने का सपना अभी अधूरा, लाभार्थी हैं परेशान!
Prayagraj News: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद के कब्जे से खाली कराई गई जमीन पर बने फ्लैटों की चाबी सीएम योगी आदित्यनाथ ने लाभार्थियों को…
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Prayagraj News: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद के कब्जे से खाली कराई गई जमीन पर बने फ्लैटों की चाबी सीएम योगी आदित्यनाथ ने लाभार्थियों को तो सौंप दी, लेकिन अभी तक अपने घरों में रहने का सपना लाभार्थियों का पूरा नहीं हो सका है. दरअसल, मेन गेट पर अभी भी ताला लगा हुआ है, जिससे अब वे लाभार्थी परेशान हैं, जिन्होंने पीएम शहरी आवास योजना के तहत इन मकानों का मालिकाना हक पाया था. अभी भी लाभार्थी किराए के मकान में रहकर अपने घर में रहने का सुनहरा सपना देख रहे हैं.
कुल 76 फ्लैट बनाए गए हैं
लूकरगंज इलाके में कभी माफिया अतीक अहमद का कब्जा हुआ करता था, लेकिन यूपी में आई योगी सरकार ने इस जमीन को उसके कब्जे से खाली कराकर गरीबों के लिए प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत घर बनवाए. इसमें 2 ब्लॉकों में 76 फ्लैट बने हैं. इन घरों को पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए और इसके लिए 9 जून को लॉटरी निकाली गई.
सीएम योगी ने जनसभा कर सौंपी थी चाबी
वहीं 30 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा कर लाभार्थियों को उनके घर की चाबी सौंपी दी थी. लाभार्थी अपने घर के सपनों की चाबी पाकर बेहद खुश हुए. खुश इसलिए की उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि कभी वो भी अपने खुद के घर में रहेंगे, जो सालों से किराए के मकानों में रहते थे. उनका सपना पूरा होता दिखने लगा था, लेकिन कागजी कार्रवाई में देरी की वजह से अभी तक लाभार्थी अपने घर में प्रवेश नहीं कर पाए हैं. फ्लैटों के मेन गेट पर ताला लटक रहा है.
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लाभार्थियों को करना होगा ये सब काम
गृह प्रवेश के लिए लाभार्थियों को प्रयागराज विकास प्राधिकरण में 500 रुपये का स्टाम्प लेकर अपने आवास की रजिस्ट्री करानी होगी और रजिस्ट्री के बाद सभी लाभार्थियों को पीडीए में उसको दिखाना होगा. इस आवास योजना में पीडीए द्वारा तय की गई पहली किस्त भी जमा करनी होगी. लाभार्थियों को पीडीए में 45000 रुपये की पहली किस्त जमा करने के बाद घर के दस्तावेज मिलेंगे. इसके बाद इसे दिखाकर लाभार्थी अपना गृह प्रवेश कर पाएंगे. पीडीए ने इसके लिए 15 दिन में ये प्रक्रिया पूरी करने की बात कही थी लेकिन महीना भर होने को आया है अभी भी लाभार्थियों के पास कोई कागज नही पहुंचा है.
केस 1:
किराए के मकान में रहने वालीं जाहिदा फात्मा के परिवार में चार लोग हैं. पिता शकील ई-रिक्शा चलाकर सभी का पेट पालते हैं. जाहिदा ने भी अपने घर के लिए पीडीए में आवेदन किया था. जब उनका नाम लॉटरी में आया तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था. लेकिन इनकी खुशी अभी अधूरी है, क्योंकि कागजी कार्रवाई में देरी के कारण इनका गृह प्रवेश नहीं हो पाया है.
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केस 2:
यही हाल एक और लाभार्थी शिमला देवी के परिवार का है. इनके परिवार में दो बेटे, एक बेटी और इनका नाती है. दोनों बेटे और बेटी रेडी लगाकर अपना घर चलाते हैं. इन्होंने भी इस योजना में आवेदन किया था और शिमला देवी भी लाभार्थी की सूची में आ गईं. इनका परिवार भी सपनो का घर पाकर झूम उठा लेकिन ये भी अपने घर में नहीं जा पाए हैं.
यह है PDA का पक्ष
इस मामले को लेकर पीडीए उपाध्य्क्ष अरविंद सिंह चौहान का कहना है कि कार्रवाई तेजी से की जा रही है. बहुत जल्द ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद लाभार्थी अपने घर में प्रवेश कर सकेंगे.
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फिलहाल लाभार्थी अपने सपनों के घर लिए योगी सरकार पर पूरा भरोसा जता रहे हैं, लेकिन पीडीए द्वारा घर के कागजों की प्रक्रिया पूरी होने तक लाभार्थियो को थोड़ा इंतजार जरूर करना होगा.
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