क्या मोहब्बत की हुई जीत और आरिफ के पास वापस लौटा सारस? पर इसका सच बिल्कुल अलग है

हर्ष वर्धन

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UP Sarus News: इन दिनों उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस की चर्चा सूबे में जमकर चल रही है. चले भी क्यों न, आखिरकार सारस ने भी एक इंसान से दोस्ती कर नए रिश्तों की इबारत जो गढ़ी थी. दरअसल, अमेठी निवासी आरिफ नामक शख्स को एक सारस घायल अवस्था में मिला था. इसके बाद आरिफ ने सारस की ऐसी देखभाल करी कि वो उनका दोस्त बन गया. दोनों की दोस्ती को देख लोगों ने इन्हें ‘जय-वीरू’ तक कह डाला. मगर इसके बाद आरिफ से उनका सारस छीन लिया गया. वन विभाग की टीम पकड़कर उसे समसपुर पक्षी विहार ले गई. इस घटना के बाद राजनीति तेज हो गई और समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह सारस और आरिफ की दोस्ती देखने गए थे, इसके चलते सूबे की योगी सरकार ने आरिफ से उनका सारस छीन लिया गया. फिर कहानी में एक और ट्विस्ट आया. कहा गया कि पक्षी विहार से सारस गायब हो गया है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल ही रहा था कि खबर मिली की सारस एक गांव में मिल गया है. वहीं, अब सोशल मीडिया पर इसी सारस को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं. कोई कह रहा है कि सारस चिड़ियाघर से भागकर वापस आरिफ के पास आ गया है, तो कोई कह रहा है कि आरिफ का सारस किसी रेलवे स्टेशन पर घायल पड़ा है. अब आप खुद खबर में आगे जानिए कि हकीकत क्या है?

जानिए क्या हो रहे दावे और उनके सच

दावा नंबर-1

फेसबुक पर इमरान चीकू नामक शख्स ने लिखा, “साल भर से सारस मोहम्मद आरिफ के पास आराम से जिंदगी काट रहा था फिर एक दिन यूपी वन विभाग ने उसको आरिफ से दूर कर दिया…आज घायल हो के वो किसी अनजान रेलवे स्टेशन पर पड़ा है.”

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आइए जानते हैं इस दावे का सच

यूपी तक द्वारा फैक्ट चेक करने पर इमरान चीकू नामक शख्स का दावा गलत पाया गया. इमरान जिस सारस की बात कर रहे हैं वो आरिफ वाला सारस नहीं है. ये सारस अलग है. दरअसल, बरेली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से टकराकर एक सारस घायल हो गया था, जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई.

दावा नंबर- 2

फेसबुक पर दुनिया नाम के पेज ने लिखा, “बधाई हो भाई आरिफ मोहब्बत की जीत मुबारक. आपकी मोहब्बत को तो सरकार और सरकारी चिड़ियाघर भी नहीं रोक पाया. आरिफ के सारस को वन विभाग वाले लेकर गए थे और आज ही सारस आरिफ के पास लौट आया, सेल्यूट है ऐसी बेमिसाल मोहब्बत, ऐसी दोस्ती को.

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क्या है इस दावे का सच?

यूपी तक की जांच में पता चला है कि आरिफ वाला सारस उनके पास लौट कर नहीं आया है और वह फिलहाल समसपुर पक्षी विहार संरक्षित है. इससे साफ होता है कि फेसबुक पर दुनिया नमक पेज ने जो दावा किया था वो एकदम गलत है.

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तो दोनों दावों की पड़ताल कर हम यह कह सकते हैं कि आरिफ का सारस न ही उनके पास लौटा है और न ही उसकी किसी रेलवे स्टेशन पर मौत हुई है. वो फिलहाल पक्षी विहार में संरक्षित है.

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