कानपुर का सबसे बड़ा अग्निकांड! 800 दुकानें खाक, अरबों का नुकसान, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट
कानपुर के रेडीमेड गारमेंट मार्केट में लगी भयंकर आग पर आखिरकार 38 घंटे बाद काबू पा लिया गया है. कानपुर के इतिहास में ये अभी…
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कानपुर के रेडीमेड गारमेंट मार्केट में लगी भयंकर आग पर आखिरकार 38 घंटे बाद काबू पा लिया गया है. कानपुर के इतिहास में ये अभी तक का सबसे बड़ा अग्निकांड है. प्रशासन, फायर ब्रिगेड कर्मचारियों और एनडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार आग पर काबू पा लिया. बता दें कि इस हादसे में एक शव बरामद किया गया है. शव इतनी बुरी हालत में हैं कि उसकी पहचान भी मुश्किल है. बताया जा रहा है कि ये शव उसी व्यक्ति का है जो हादसे के बाद से लापता बताया जा रहा था.
800 से ज्यादा दुकान जलकर खाक
बताया जा रहा है कि इस आग से अरबों का नुकसान हुआ है. जानकारी के मुताबिक, 800 से अधिक दुकाने जलकर खाक हो गई हैं. इनमें रखा करोड़ों का सामान राख हो चुका है. आग इतनी भयानक है कि टावरों से अभी भी धुएं का गुब्बार निकल रहा है.
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कानपुर के अनवरगंज थाना क्षेत्र के बांसमंडी में रेडीमेड कपड़ों की दुकानों में 31 मार्च की सुबह आग लगी थी. ये आग देखते ही देखते इतनी फैल गई कि इसने 4 कॉम्पलेक्स टॉवर को भी अपनी चपेट में ले लिया.
ऑस्ट्रेलिया से आई फायर ब्रिगेड गाड़ी का भी हुआ इस्तेमाल
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ये आग कितनी विकराल थी, इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि प्रशासन ने आग पर काबू पाने के लिए ऑस्ट्रेलिया से आई हाईड्रोलिक फायर ब्रिगेड गाड़ी का भी इस्तेमाल किया. ये फायर ब्रिगेड लखनऊ के लिए मंगवाई गई थी. मगर इस घटना को देखते हुए इसका भी इस्तेमाल किया गया.
500 करोड़ से अधिक का हुआ नुकसान
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वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अनुमान है कि आग में 500 करोड़ रुपये से अधिक का सामान और नकदी जलकर खाक हो गई है. डीसीपी ने स्वीकार किया कि रात के समय अग्निशमन दल का बचाव अभियान थोड़ा धीमा हो गया था, क्योंकि दमकलकर्मी और पुलिसकर्मी काफी थके हुए थे.
उपमुख्यमंत्री ने दिया हर संभव मदद का भरोसा
बता दें कि इस घटना के बाद कपड़ा व्यापारियों का करोड़ों का नुकसान हुआ है. आग से दुकानों में रखा सामान तो क्या बल्कि पूरी की पूरी दुकान भी जल गईं हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने व्यापारियों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है.
IIT इंजीनियरिंग टीम करेगी जांच
इसी के साथ आईआईटी की इंजीनियरिंग टीम को भी मौके पर बुलाया जा रहा है जो अंदर जाकर बिल्डिंग के स्ट्रक्चर और स्ट्रैंथ का आकलन करेग, जिसके आधार पर प्रशासन निर्णय लेगा की बिल्डिंग को गिराना है या नहीं. वहीं मसूद कॉम्प्लेक्स में ग्राउंड फ्लोर की छत लटक गई है और कयास लगाए जा रहे हैं की कॉम्प्लेक्स कभी भी ढह सकता है.
(भाषा के इनपुट के साथ)
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