मेरठ: ‘भारत की स्पोर्ट्स सिटी’ आउटिंग के लिए खास, घूमना प्लान करने से पहले देखें ये टूर गाइड

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उत्तर प्रदेश के मेरठ का जब भी जिक्र होता है, इससे जुड़ी तमाम निगेटिव चीजों के चर्चे शुरू हो जाते हैं. पर मेरठ इने काफी अलग है. मेरठ की अपनी ऐतिहासिकता इसे महाभारत काल से तो जोड़ती ही है, तेजी से बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर इसे हाल के दिनों में एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में भी डेवलप कर रहा है. एक्सप्रेसवे मेरठ की दिल्ली से कनेक्टिविटी इतनी तेज हो गई है कि अब सफर का पता भी नहीं चलता है. इसके अलावा अब तो यहां के लिए हाई स्पीड रैपिड रेल कनेक्टिविटी भी तैयार हो रही है. मेरठ में घूमने के लिए भी कई अच्छी जगह हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे मेरठ की खासियत (Meerut tourism guide), यहां जाने का बेस्ट टाइम, यहां पहुंचने के तमाम साधन और यहां घूमने की बेस्ट जगहों के बारे में.

मेरठ का कालजयी अतीत- Brief history of Meerut

मेरठ गंगा और यमुना, दो प्रमुख नदियों के बीच में बसा हुआ है. इसे भारत की स्पोर्ट्स सिटी के नाम से भी जाना जाता है. यहां बड़े पैमाने पर स्पोर्ट्स से जुड़ी इंडस्ट्री हैं. इसके अलावा बड़ी चीनी मिलें और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री भी मेरठ को एक इंडस्ट्रियल हब का रूप देती है.यहां और इसके पास मोदीनगर का इलाका एक बड़े शिक्षा केंद्र के रूप में भी जाना जाता है. मेरठ का वर्तमान आज जितना सुखद नजर आ रहा है, इसका अतीत उससे कहीं ज्यादा भव्य रहा है.

मेरठ का जिक्र होते ही भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम याद आता है, जब ब्रिटिश सेना के खिलाफ पहला सशस्त्र विद्रोह यहीं से शुरू हुआ था. 10 मई 1857 को यहीं पर भारतीय जवानों ने विद्रोह का बिगुल फूंका था. वैसे इस शहर का इतिहास महाभारत कालीन हस्तिनापुर से जोड़ा जाता है. मान्यता के मुताबिक कौरवों की राजधानी हस्तिनापुर थी, जो आज का मेरठ है.

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मेरठ नाम कैसे पड़ा:

ऐसी ही एक रोचक कहानील मेरठ का नाम पड़ने की है. मेरठ जिले की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक मेरठ का नाम संभवतः मयराष्ट्र से पड़ा. मयराष्ट्र यानी मय का प्रदेश. मान्यताओं के मुताबिक मय असुरों का राजा था, जो रावण की पत्नी मंदोदरी का पिता था. इसी मयराष्ट्र से मेरठ नाम विकसित हुआ माना जाता है.

ये है मेरठ जाने का आइडियल सीजन (Ideal Seasons for Meerut Exploration)

वैसे तो मेरठ की यात्रा कभी भी अपने मनमुताबिक की जा सकती है. पर वास्तव में मेरठ की सुंदरता का आनंद लेने के लिए अक्टूबर और मार्च के बीच अपनी ट्रिप प्लान की जा सकती है. इस मौसम में आपको ऐतिहासिक स्थलों और मेरठ की दूसरी मशहूर जगहों पर घूमने में काफी सहूलियत होगी.

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मेरठ कैसे पहुंचें? How to reach Meerut? अगर आप मेरठ जाने के लिए मन बना चुके हैं, तो देश-दुनिया के किसी भी कोने से यहां पहुंचना बेहद आसान है. मेरठ की कनेक्टिविटी बहुत सही है. आप नीचे बताए गए तरीकों से आसानी से मेरठ पहुंच सकते हैं.

एयर कनेक्टिविटी (Meerut By Air): मेरठ का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है. यह मेरठ से करीब 90 किलोमीटर है.दिल्ली एयरपोर्ट से मेरठ तक टैक्सी या बस से पहुंचा जा सकता है.

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ट्रेन कनेक्टिविटी (Meerut By Train): मेरठ स्टेशन उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आता है. लखनऊ, दिल्ली, आगरा, जयपुर, गाजियाबाद जैसे शहरों से मेरठ के लिए सीधी ट्रेन सर्विस है. इसके अलावा देश के प्रमुख शहरों से भी मेरठ ट्रेन मार्ग से जुड़ा है. नीचे देखिए प्रमुख ट्रेनों की लिस्ट:

  • UTKAL EXPRESS
  • SHALIMAR EXP
  • GOLDEN TEMPLE
  • CHATTISGARH EXP
  • DLI UMB EXPRESS
  • NDLS JUC EXP
  • PANCHVALLEY PAS
  • BDTS HW EXP
  • YOGA EXPRESS

रोड कनेक्टिविटी (Meerut By Road): मेरठ की रोड कनेक्टिविटी अच्छी है. दिल्ली से मेरठ एक्सप्रेसवे ने तो अब राजधानी से इसकी कनेक्टिविटी को और आसान बना दिया है. ऐसे में सड़क मार्ग से यहां तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका बस है. दिल्ली, मथुरा, कानपुर, चंडीगढ़, वाराणसी, लखनऊ, आगरा, झांसी आदि जैसे शहरों से राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें चलती हैं. आप अपनी प्राइवेट गाड़ी या कैब से भी मेरठ पहुंच सकते हैं.

मेरठ में घूमने लायक टॉप 5 जगहें- Top 5 Places to Visit in Meerut

1- शहीद स्मारक: 1857 के विद्रोह के बहादुरों को श्रद्धांजलि देता यह स्मारक भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई की एक मार्मिक याद दिलाता है. यह करीब 30 मीटर ऊंचा है और इसे संगमरमर से बनवाया गया है.

2- पांडव किला: यह मेरठ के बरनावा में स्थित है. कहते हैं कि इसे पांडवों ने बनवाया था. इस किले में ढेरों प्राचीन मूर्तियां हैं.

3- हस्तिनापुर तीर्थ: यह मेरठ जिले में स्थित एक जैन तीर्थस्थल है. यह जैन धर्म के तीर्थंकर शांतिनाथ को समर्पित है. शांतिनाथ जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर थे. हस्तिनापुर तीर्थ का ऐतिहासिक महत्व भी है. जैन धर्म के तीसरे तीर्थंकर आदिनाथ ने यहां 400 दिन का उपवास रखा था.

4- सेंट जॉन चर्च: औपनिवेशिक युग का प्रतीक, यह चर्च वास्तुकला की भव्यता को प्रदर्शित करता है. इसे 1819 में बनवाया गया था. इसमें 10 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है.

5- हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य: यह मेरठ जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य है. इस अभयारण्य की स्थापना 1986 में की गई थी. यह अभयारण्य 2,073 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है और यह गंगा नदी के मैदानी इलाकों में स्थित है. हस्तिनापुर अभयारण्य में कई प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं, जिनमें मृग, सांभर, चीतल, नीलगाय, तेंदुआ, हैना, जंगली बिल्ली आदि शामिल हैं. अभयारण्य में पक्षियों की भी कई प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें सारस, बगुले, बतख, कबूतर, तोता, मैना आदि शामिल हैं.

निष्कर्ष: मेरठ एक शहर है जो अपने समृद्ध इतिहास और जीवंत वर्तमान के लिए जाना जाता है. यह शहर प्राचीन काल से ही एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और वाणिज्यिक केंद्र रहा है. मेरठ में कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जिनमें पांडव किला, हस्तिनापुर तीर्थ और हस्तिनापुर अभयारण्य शामिल हैं. इन स्थलों में से सभी शहर के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को दर्शाते हैं. चाहे आप इतिहास प्रेमी हों, संस्कृति प्रेमी हों या बस एक अच्छा समय बिताना चाहते हों, मेरठ आपके लिए एकदम सही जगह है. मेरठ एक ऐसा शहर है जो आपको कभी निराश नहीं करेगा. ऐसे में अगली बार जब मेरठ जाएं तो इसकी भव्यता का आनंद जरूर उठाएं!

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