प्रयागराज: सेना भर्ती नाम पर मिला झांसा! ‘मैं टूट गया हूं’ दर्दभरा नोट लिख ट्रेन के आगे लेटा
Prayagraj News Hindi: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक युवक को नौकरी दिलाने के नाम पर…
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Prayagraj News Hindi: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक युवक को नौकरी दिलाने के नाम पर झांसा मिला और इससे परेशान होकर युवक ने ट्रेन के आगे लेटकर आत्महत्या कर ली. मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक युवक भारतीय सेना में शामिल होना चाहता था. मगर उसका सपना उसकी मौत के साथ अधूरा रह गया. बताया जा रहा है कि सुसाइड जैसा कदम उठाने से पहले युवक ने अपने परिवार के नाम एक दर्द भरा सुसाइड नोट भी लिखा. सुसाइड नोट को अपनी जेब में रखकर वह ट्रेन के आगे लेट गया और आत्महत्या कर ली.
युवक की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. फिलहाल पुलिस ने मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दे दी है. परिजन प्रयागराज आ गए हैं. मृतक यूपी के प्रतापगढ़ का रहने वाला बताया जा रहा है. पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.
क्या है पूरा मामला
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के मऊआइमा इलाके के रामनगर गसियारी और इनारी पुलिस चौकी के पीछे से जा रहे रेलवे ट्रैक से गुजर रही हरिद्वार एक्सप्रेस के आगे लेटकर एक युवक ने सुसाइड कर ली. सुसाइड करने वाले युवक का नाम आर्यन सिंह है. मृतक प्रतापगढ़ का रहने वाला है. युवक के पास से सुसाइड नोट बरामद किया गया है.
‘भर्ती के नाम पर वकील ने लिए थे पैसे’
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यूपी क्राइम न्यूज़: मृतक के पिता राघवेंद्र ने बताया कि मेरे बेटे का सपना भारतीय सेना में जाने का था और वह देश के लिए कुछ करना चाहता था. भारतीय सेना में भर्ती के लिए उसे दिल्ली के रहने वाले एक वकील ने पांच लाख रुपए लिए थे. मगर वकील काफी समय से इधर-उधर की बात कर रहा था. मैंने बड़ी मुश्किल से पैसे जमा किए थे. इस बात से मेरा बेटा परेशान था.
‘मैं टूट गया हूं. मां-पापा, माफ करना, दुखी मत होना’
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युवक ने सुसाइड नोट में लिखा, “मम्मी-पापा प्लीज अपने आप को संभालना दुखी मत होना. भाई और बहन में आत्महत्या करने जा रहा हूं. मुझें माफ कर देना. में कायर नहीं हूं जो ये कदम उठाऊं. मगर मैं इकदम से टूट गया हूं. मुझें माफ करना पापा-मम्मी. प्लीज अपने आप को संभालना.”
“मेरा सेना में जाने का सपना था, जो मैं अब नहीं कर सकता. मुझें मां-बाप का नाम रोशन करना था. मगर मैं नहीं कर पाया. आत्महत्या करने के लिए मुझें किसी ने जबरदस्ती नहीं की है. यह खत लिखने का मेरा एक ही मकसद है कि मेरे जाने के बाद मेरे परिवार को किसी भी तरीके से परेशान न किया जाए. मुझे माफ कर देन मम्मी-पापा.”
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