मैनपुरी-रामपुर में उपचुनाव की तारीख का ऐलान, जानिए किस दिन होगी वोटिंग और कब आएगा परिणाम?

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UP Political News: उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों से एक बहुत अहम खबर सामने आ रही है. आपको बता दें कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट और वरिष्ठ सपा नेता आजम खान की विधायकी जाने के बाद खाली हुई रामपुर विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव होगा. चुनाव आयोग के अनुसार, इन दोनों जगह 5 दिंसबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे.

मुलायम सिंह ने मेदांता में ली थी आखिरी सांस

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक, उत्तर प्रदेश के तीन बार के मुख्यमंत्री, अपने प्रदेश की राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले मुलायम सिंह यादव का 10 नवंबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था. वह 82 वर्ष के थे. इसके बाद मुलायम सिंह यादव का उनके गांव सैफई में अंतिम संस्कार किया गया था. आपको बता दें कि जिस वक्त मुकायाम सिंह यादव हुआ था, तब वह मैनपुरी के सांसद थे. अब उनके इस दुनिया से जाने के बाद यह सीट खाली हो गई है.

कौन लड़ेगा मैनपुरी से उपचुनाव?

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि दिवगंत नेता मुलायम सिंह यादव के पोते तेज प्रताप यादव को सपा मैनपुरी से उपचुनाव का टिकट दे सकती है.

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उपचुनाव के लिए चाचा-भतीजे होंगे एक?

ऐसा कहा जा रहा है कि परिवार में एका बना रहे, इसके लिए शिवपाल यादव को भी मनाने की कोशिशें राजनीतिक स्तर के बजाये परिवार की ओर से अंदरखाने चल रही हैं. हालांकि शिवपाल ने भी परिवार की एका पर ही जोर दिया है. वहीं, उनके बेटे आदित्य यादव ने बीते दिनों कहा कि ‘पूरा यादव परिवार एक है.’ ऐसी भी चर्चा है कि मैनपुरी से अखिलेश जिसे उपचुनाव चुनाव का टिकट देंगे उसमें शिवपाल की भी रजामंदी होगी. अब देखना यह दिलचस्प रहेगा कि चाचा-भतीजे की ये जुगलबंदी सिर्फ उपचुनाव तक ही सीमित रहेगी या फिर लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगी?

इस मामले में गई थी आजम की विधायकी

गौरतलब है कि भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

बता दें कि आजम खान पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्‍तेमाल करने और जिला प्रशासन के वरिष्‍ठ अधिकारियों को भला-बुरा कहने पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. खान के इस बयान का वीडियो भी वायरल हुआ था.

भड़काऊ भाषण देने के मामले में विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने आजम खां को भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 153-क (धार्मिक भावनाएं भड़काना), 505-क (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के सिलसिले में विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य बढ़ाना) के तहत दोषी करार देते हुए उन्हें तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.

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मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद आया अखिलेश का पहला बयान, आजम खान को लेकर कही ये बात

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