35 के बाद महिलाएं जरूर कराएं ये मेडिकल टेस्ट

7 Nov 2024

35 साल की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं, जो कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं.

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ऐसे में नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना बेहद जरूरी हो जाता है ताकि किसी भी समस्या का पता समय रहते चल सके और उसका इलाज हो सके.

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हाई ब्लड प्रेशर का खतरा उम्र के साथ बढ़ता है और यह हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और किडनी की समस्याओं का कारण बन सकता है. नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करना जरूरी है ताकि इसके बढ़ने की स्थिति में समय रहते इलाज किया जा सके.

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डायबिटीज की समस्या 35 की उम्र के बाद तेजी से बढ़ सकती है. ब्लड शुगर टेस्ट से डायबिटीज का पता चल सकता है और इसे कंट्रोल में रखना आसान हो सकता है.

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थायरॉइड की समस्या, खासकर हाइपोथायरॉइडिज्म, महिलाओं में आम है और यह वजन बढ़ने, थकान, बालों का झड़ना और मूड स्विंग्स का कारण बन सकता है.

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मेमोग्राफी से ब्रेस्ट कैंसर का पता शुरुआती चरण में ही लगाया जा सकता है. 35 की उम्र के बाद महिलाओं को हर 1-2 साल में मेमोग्राफी करवानी चाहिए, खासकर अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ हो.

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पैप स्मीयर टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है. इसके साथ एचपीवी टेस्ट से ह्यूमन पैपिलोमावायरस का भी पता चलता है, जो इस कैंसर का मुख्य कारण होता है.

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महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ता है. बोन मिनरल डेंसिटी (BMD) टेस्ट से हड्डियों की मजबूती का पता चलता है और कैल्शियम व विटामिन डी की जरूरत का आकलन किया जा सकता है.

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लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर का पता चलता है. बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल हार्ट डिजीज का मुख्य कारण होता है, इसलिए इसे समय-समय पर चेक करवाना चाहिए ताकि दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सके.

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