भीमकाय मशीनों का इस्तेमाल कर गीताप्रेस में कैसे छपती हैं लाखों किताबें, खुद देखिए
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फोटो: यूपी तक
गोविंद भवन ट्रस्ट गोरखपुर की गीता प्रेस को साल 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा हो चुकी है.
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ऐसे में गीता प्रेस सुर्खियों में बनी हुई है.
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इस वीडियो में देखिए गीताप्रेस में भीमकाय मशीनों के इस्तेमाल से किताबे कैसे छपती हैं.
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बता दें कि गीता प्रेस की स्थापना 29 अप्रैल 1923 को हुई थी.
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गीता प्रेस की शुरुआत सबसे पहले ₹10 की मासिक किराए के मकान में हुई थी.
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इस दौरान एक छोटी सी लेटरप्रेस मशीन के साथ इसकी शुरुआत की गई.
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इसका उद्घाटन भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 29 अप्रैल 1955 में किया था.
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अब तक कुल 93 करोड़ की संख्या में गीता प्रेस पुस्तकों का प्रकाशन कर चुका है. इसमें कल्याण की मासिक प्रतियां भी शामिल हैं.
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कल्याण मासिक पत्रिका की बात करें तो यह सबसे पहले 1926 में प्रकाशित हुई थी.
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गीता प्रेस प्रतिदिन 70,000 से अधिक पुस्तकें तैयार करके पाठकों को उपलब्ध करा रहा है.
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गीता प्रेस कुल 15 भाषाओं में प्रकाशन करता है और इसमें कुल 1850 तरह की पुस्तकें छपती हैं.
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गोरखपुर की गीताप्रेस की 100 वर्ष की कहानी! 97 सालों से मान रहे महात्मा गांधी की ये बात
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