ताजमहल अगर 2023 में बनता तो किस तकनीक का होता इस्तेमाल?

Arrow

फोटो: यूपी तक

यूपी के आगरा में स्थित ताजमहल भारत की सबसे खूबसूरत ऐतिहासिक जगहों में से एक है.

Arrow

फोटो: यूपी तक

अपनी पत्नी मुमताज की मौत के बाद मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा निर्मित, सफेद संगमरमर का यह मकबरा शाश्वत प्रेम की निशानी है.

Arrow

फोटो: यूपी तक

ऐसा अनुमान है कि इस सफेद मकबरे (1653 में) के निर्माण को पूरा करने के लिए लगभग 32 मिलियन रुपये खर्च किए गए थे.

Arrow

फोटो: यूपी तक

मगर क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर ताजमहल 2023 में बनता तो किस तकनीक का इस्तेमाल होता?

Arrow

फोटो: यूपी तक

बता दें कि साल 1653 में ताजमहल की एतिहासिक इमारत को बनाने के लिए हाथी, घोड़े और मजदूरों की मदद ली गई थी.

Arrow

फोटो: यूपी तक

तब कारीगरों ने बिना किसी मशीन की मदद से इस खूबसूरत इमारत को बना दिया था.

Arrow

फोटो: यूपी तक

मगर यही ताजमहल अगर 2023 में बनता तो निश्चित तौर पर आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होता.

Arrow

फोटो: यूपी तक

इसे बनाने में वी-शेप्ड बकेट, टूपो-8, ट्रेंच मेकर, ऑप्टिमस H-88, जेसीबी, पोकलेन समेत अन्य आधुनिक मशीन का प्रयोग होता.

Arrow

यूपी के उस IPS अधिकारी की कहानी जिसने वर्दी के लिए ठुकरी दी थी IAS की नौकरी

अगली गैलरी:

यहां क्लिक कर विस्तार से देखें