बनारस के मदनपुरा में जो बंद मंदिर मिला उससे सटे मकान के मुस्लिम मालिक ने तो अलग ही कहानी बता दी

रोशन जायसवाल

17 Dec 2024 (अपडेटेड: 17 Dec 2024, 12:42 PM)

बनारस के मदनपुरा में मिले बंद मंदिर के पास के मकान के मुस्लिम मालिक ने मंदिर को लेकर चौंकाने वाली कहानी बताई. जानिए पूरी सच्चाई.

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Banaras Madanpura closed temple

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वाराणसी के मदनपुरा इलाके में दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के पास एक पुराने मंदिर को लेकर विवाद पैदा हो गया है. सनातन रक्षक दल नाम की एक संस्था ने दावा किया कि यह सिद्धेश्वर महादेव मंदिर ढाई सौ साल पुराना है और वर्षों से बंद पड़ा है. 

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मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू करने के लिए सनातन रक्षक दल ने पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया है. इसके बाद पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया और मंदिर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई.

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मंदिर से सटे मकान के मालिक, मोहम्मद जकी, ने दावा किया कि यह प्रॉपर्टी उनके पिता ने 1931 में खरीदी थी. उनका कहना है कि मकान और मंदिर दोनों उनकी संपत्ति का हिस्सा हैं. 

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मुस्लिम परिवार ने कहा कि मंदिर पर उनका कब्जा करने का आरोप गलत है. उन्होंने खुले दिल से कहा कि "जिसकी आस्था है, वह आकर पूजा कर सकता है." 

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मुस्लिम परिवार ने बताया कि मंदिर की मरम्मत, साफ-सफाई और रंग-रोगन का काम समय-समय पर वे खुद ही करवाते आए हैं. उनका कहना है कि मंदिर की देखरेख के लिए कोई और आगे नहीं आता. 

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परिवार के मुताबिक, मंदिर वर्षों से बंद पड़ा है और दरवाजे पर ताला लगा है. उन्होंने बताया कि दीमक के कारण एक बार दरवाजा टूटने पर पुलिस के कहने पर उसकी मरम्मत करवाई गई थी.

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मुस्लिम परिवार का कहना है कि इलाके में हिंदू-मुस्लिम एकता है. "हमारे आसपास हिंदू आबादी है और साड़ी मार्केट में हिंदू ग्राहक भी आते हैं. किसी को कोई दिक्कत नहीं है." 

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मोहम्मद जकी और उनके परिवार ने स्पष्ट किया कि मंदिर पर कब्जे का आरोप निराधार है. उनका कहना है कि मंदिर में कोई आकर पूजा करना चाहे तो उनका स्वागत है. 

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