Bhai Dooj 2024: भाई दूज हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना करते हुए पूजा-अर्चना करती हैं. भाई दूज दीपावली के दो दिन बाद आता है और इसे भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है.
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रिवाज के अनुसार बहनें इस दिन भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं उनके हाथों पर पूजा की थाली सजाती हैं और आरती उतारती हैं. इसके बाद भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं और उसे सुरक्षा का वचन भी देते हैं. भाई दूज का त्योहार यमराज और उनकी बहन यमुनाजी की कथा से जुड़ा हुआ है जिसके अनुसार इस दिन यमुनाजी ने अपने भाई यमराज को आमंत्रित किया था और उनके स्वागत के लिए विशेष पूजा की थी.
क्या है शुभ मुहूर्त
भाई दूज शुभ मुहूर्त के बारे में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 'इस साल भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 2 को रात 08 बजकर 22 मिनट से शरू हो जाएगा. जो अगले दिन यानी 3 नवम्बर को रात 10 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्योदय व्यापिनी कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 03 नवम्बर रविवार को होने के कारण 03 नवम्बर रविवार को ही भाई दूज का पर्व को मनाना उत्तम होगा.
भैया दूज के दिन ऐसे करें पूजा
भाई दूज वाले दिन बहने शुद्ध आसन पर अपने भाई को बिठाकर सबसे पहले उनके मस्तक पर पर सिंदूर,अक्षत,पुष्प का तिलक लगाकर कलावा बांधे और भाई के मुंह में मिठाई, मिश्री और माखन लगाएं. फिर उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करें. इसके बाद यमराज के नाम का चौमुखा दीपक जलाकर घर की दहलीज के बाहर रखें जिससे भाई के घर में किसी प्रकार का विघ्न-बाधां न आए और वह सुखमय जीवन व्यतीत करें. इसके बाद भाई बहनों को उपहार दें. सगी बहन ना हो तो मामा, चाचा, मित्र या धर्म बहन से तिलक लगाएं.
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