Narak Chaturdashi 2024: दीपावली के एक दिन पहले यानी कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन आयु के देवता यमराज की उपासना की जाती है और सौंदर्य प्राप्ति का प्रयोग किया जाता है. आज के दिन भगवान कृष्ण की उपासना भी की जाती है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था. नरकासुर का वध करने की वजह से इसे नरक चतुर्दशी कहा जाता है. इसके साथ ही ये भी मान्यता है कि इस दिन यम देवता की पूजा करने से नरक से मुक्ति मिलती है इसीलिए इसे नरक निवारण चतुर्दशी भी कहते हैं.
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हमारे सहयोगी Astro Tak पर ज्योतिष शैलेंद्र पांडे के अनुसार, जीवन में आयु की समस्या हो या स्वास्थ्य की समस्या हो Narak Chaturdashi पर उपासना करने से आयु और स्वास्थ्य की समस्या दूर होती है. ज्यादातर लोग ये जानते हैं कि नरक चतुर्दशी पर या Choti Deepawali पर यम देवता के लिए एक दीपक जलाया जाता है. लेकिन इस दिन का संबंध स्नान से भी है और सौंदर्य प्राप्ति से भी है इसीलिए इस दिन को रूप Chaturdashi भी कहा जाता है.
Narak Chaturdashi पर या छोटी दीपावली पर शाम के समय चंद्रमा की रोशनी में जल्द से स्नान करना चाहिए. इस दिन उबटन लगाकर स्नान करने की भी मान्यता है.Narak Chaturdashi पर चंद्रमा की रोशनी में नहाने से ना केवल अद्भुत सौंदर्य की और रूप की प्राप्ति होती है बल्कि स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं. नरक चतुर्दशी पर यमराज के लिए एक बड़ा सा दीपक जलाया जाता है. इस दौरान परिवार के सभी सदस्यों के अच्छी सेहत और लंबी उम्र की कामना की जाती है.
दीपक जलाते समय दिशा का रखें ध्यान
Direction for Diya in Narak Chaturdashi:यम की दीपक जलाते समय सबसे पहले घर के बाईं तरफ की जमीन पर थोड़ा सा गेहूं या अनाज रख लें. फिर इसके ऊपर सरसों के तेल का एक मुखी बड़ा सा दीपक जलाएं जिसमें दो बातियां एक दूसरे को क्रॉस करें और इसका सिर्फ एक सिरा जलाएं. इस दौरान ये ख्याल रखें कि दीपक की ज्योति दक्षिण दिशा की तरफ होनी चाहिए. दीपक जलाने के बाद वहां पर जरा सा जल चढ़ाए, फूल चढ़ाए और ये प्रार्थना करें कि आपका और आपके परिवार के लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो सबकी आयु लम्बी हो. ये दीपक जलाने का सबसे सही समय होगा सूर्यास्त के आसपास का समय जब सूर्य डूब रहा हो गोधूली वेला में अगर ये दीपक जलाए तो ज्यादा बेहतर होगा
यम का दीपक जलाने का मुहूर्त
Narak Chaturdashi Muhurat:धनतेरस पर यम का दीपक जलाने का मुहूर्त 29 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 2 मिनट तक रहने वाला है. इसी अवधि में यम का दीपक प्रज्जवलित करें.
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