Hathras Stampede Update: हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. घटना के पीछे की वजहों की जांच के लिए गठित एसआईटी में आगरा जोन की अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ मंडल आयुक्त शामिल थे. एसआईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के पीछे कार्यक्रम आयोजकों की लापरवाही मुख्य वजह है. साथ ही एसआईटी ने स्थानीय प्रशासन को भी जिम्मेदार माना है. मालूम हो कि इस एसआईटी की पूरी रिपोर्ट में कहीं भी नारायण साकार हरी और भोले बाबा का जिक्र नहीं है.
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दो सदस्यीय एसआईटी का यह भी कहना है कि साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है. मगर गहराई से जांच की जरूरत है. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कार्यक्रम आयोजकों ने एकत्रित भीड़ के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की थी. एसआईटी के अनुसार, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी नहीं दी. एसआईटी ने यह माना है कि आयोजकों ने बिना पुलिस वेरिफिकेशन जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा, उसकी वजह से अव्यस्था फैली .
आपको बता दें कि जांच कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत 6 को निलंबित कर दिया गया है. एसआईटी की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि आयोजक मंडल ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया. और स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोका गया.
सनद रहे, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त आईपीएस हेमंत राव और सेवानिवृत्तआईपीएस भवेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक अलग न्यायिक आयोग भी हाथरस भगदड़ मामले की जांच कर रहा है.
गौरतलब है कि हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में गत दो जुलाई को प्रवचन कर्ता हरि नारायण साकार विश्व हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के सत्संग के समापन के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी.
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