Prayagraj News: प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर आरो-एआरओ और पीसीएस एग्जाम के सैकड़ों प्रतियोगी छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों की मुख्य मांग है कि आयोग 'वन डे-वन शिफ्ट' में परीक्षा आयोजित करे और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को समाप्त करे. इस बीच, बड़ी खबर यह है कि लोक सेवा आयोग के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने जबरन हटाया है. पुलिस कार्रवाई के दौरान अफरातफरी का माहौल बन गया और छात्रों को वहां से हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. छात्रों ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए अपनी मांगों पर डटे रहने की बात कही है.
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नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का विरोध
छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया उनके लिए अनुचित है और इससे उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि परीक्षा प्रणाली में किए गए बदलावों के कारण उनकी रैंकिंग और चयन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. उनका मानना है कि सभी अभ्यर्थियों के लिए एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए ताकि पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे. प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि आयोग 7 और 8 दिसंबर को आरो-एआरओ की 411 पदों पर परीक्षा 41 जिलों में आयोजित कर रहा है, जबकि इसे सभी 75 जिलों में एक ही दिन एक शिफ्ट में आयोजित किया जाना चाहिए.
इस परीक्षा में करीब 10 लाख छात्रों की बैठने की संभावना है और उनका कहना है कि इससे परीक्षा को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जा सकता है और नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी. छात्रों की मांग है कि एक बार जब भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तो परीक्षा के नियमों में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी परीक्षा के नियमों में बदलाव केवल प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही किया जा सकता है.
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