UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव लगातार चर्चाओं में बने हुए हैं. प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में दिए गए अपने विवादित बयान के बाद विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ आवाज उठाई है. इसी बीच खबर है कि जज शेखर यादव को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठम जजों ने फटकारा है.
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कॉलेजियम ने लगाई फटकार
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, CJI जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाले पांच जजों के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव को फटकार लगाई है. ये फटकार जस्टिस शेखर यादव को उनके विवादित भाषण को लेकर लगाई गई है.
सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उन्हें सलाह भी दी है कि वह अपने संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखें. जब भी वह भाषण दें तो अपने संवैधानिक पद और गरिमा का घ्यान रखें और अतिरिक्त सावधानी बरतें.
कौन-कौन जज थे कॉलेजियम में शामिल?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में CJI के अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एस ओक शामिल थे. इन सभी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव को बुलाया था और जस्टिस शेखर यादव इनके सामने पेश हुए थे.
जस्टिश शेखर यादव ने क्या कहा?
मिली जानकारी के अनुसार, शेखर यादव ने कॉलेजियम के सामने अपने भाषण का अर्थ और किस संदर्भ में उन्हें ये भाषण दिया था, ये बताया. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि मीडिया ने विवाद पैदा करने की वजह से उनके भाषण के कुछ ही अंश दिखाए.
सूत्रों की माने तो कॉलेजियम जस्टिस शेखर यादव के स्पष्टीकरण से सहमत नहीं था. ऐसे में उन्हें उनके भाषण के कुछ अंशों के लिए फटकार लगाई गई. CJI जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई में पांच जजों के कॉलेजियम ने जस्टिस शेखर यादव से बातचीत की. इस दौरान उनसे सवाल भी किए गए.
आगे भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है
बता दें कि जस्टिस शेखर यादव और कॉलेजियम के बीच 45 मिनट तक सवाल-जवाब का सिलसिला चला. सुप्रीम कोर्ट में उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जस्टिस यादव को आगे भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
क्या था पूरा मामला?
बता दें कि जस्टिस शेखर यादव 8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में गए थे. वहां उन्होंने बहुसंख्यक और अल्पसंख्यकों को लेकर जो भाषण किया उस पर बवाल मचा था. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ने इस पर मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट से रिपोर्ट तलब की थी और जस्टिस यादव को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सामने पेश होने के लिए कहा था.
दरअसल बीते 8 दिसंबर को जस्टिस शेखर कुमार यादव ने विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में कहा था कि यह देश बहुसंख्यकों के बनाए हुए कानून से चलेगा. इस दौरान उन्होंने विशेष समुदाय को लेकर विवादित टिप्पणी भी की थी.
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