UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में इन दिनों नवरात्र की धूम है. मगर नवरात्र के बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने एक बड़ा अपडेट दिया है. IMD की मानें तो नवरात्र के बीच मौसम ने फिर एक बार करवट ली है, जिससे राज्य में बारिश की संभावना बढ़ गई है. मौसम विभाग ने बताया है कि यूपी में आने वाले चार दिनों में झमाझम बारिश हो सकती है. इस दौरान बादल गरजने और बिजली चमकने की घटनाएं भी देखने को मिलेंगी. मौसम के इस बदलाव से नवरात्र में भक्तों को थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन फसलों के लिए यह बारिश लाभदायक साबित होने का अनुमान है.
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कब-कब है बारिश का अनुमान?
IMD ने बताया है कि 6, 7, 8 और 9 अक्टूबर को सूबे के कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बौछारे पड़ने की संभावना है. इसके अलावा, मौसम विभाग ने बताया है कि 6 और 7 अक्टूबर को कहीं-कहीं बादल गरजने और बिजली चमकने की घटनाएं भी हो सकती हैं.
क्या हैं वो कारण जिनकी वजह से UP में इस बार पड़ सकती है ज्यादा ठंड?
1. ला नीना का प्रभाव:
ला नीना वह मौसम प्रणाली है जो ठंड को नियंत्रित करती है. हाल के वर्षों में, ला नीना प्रभाव के कारण सर्दियों में ठंड कम रही, लेकिन इसके अंत के साथ ठंड के बढ़ने की संभावना है. जब ला नीना समाप्त होता है, तो ठंडे मौसम के दौरान ठंडी हवाओं और कोल्ड वेव्स की संभावना बढ़ जाती है.
2. पश्चिमी विक्षोभ:
उत्तर भारत में ठंड के बढ़ने के पीछे मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ होते हैं, जो हिमालय से होकर आते हैं और तापमान में गिरावट लाते हैं. अगर इस बार पश्चिमी विक्षोभ अधिक सक्रिय होते हैं, तो ठंड और कोहरे में बढ़ोतरी हो सकती है. इन विक्षोभों के कारण उत्तर प्रदेश में शीतलहर चलने की संभावना रहती है, जिससे तापमान में तेज गिरावट देखी जा सकती है.
3. ग्लोबल वार्मिंग का उल्टा प्रभाव:
हालांकि ग्लोबल वार्मिंग के कारण दीर्घकालिक तापमान वृद्धि देखी गई है, लेकिन इसका स्थानीय मौसम पर उल्टा प्रभाव हो सकता है. ग्लोबल वार्मिंग के चलते सर्दी के समय में अत्यधिक ठंड के अचानक एपिसोड्स (cold snaps) हो सकते हैं. इसका कारण यह है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में अस्थिरता बढ़ जाती है, जिससे अचानक ठंड की घटनाएं हो सकती हैं.
4. स्थानीय जलवायु:
उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानीय कारक भी ठंड को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे हवा की दिशा, आर्द्रता और क्षेत्रीय परिसंचरण. शहरीकरण और वनस्पति में कमी के चलते ठंड का अनुभव भी प्रभावित होता है, खासकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच.
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