UP ki Sarkari Yojana: आज कल बकरी पालन का चलन काफी बढ़ गया है. इसके पीछे वजह यह है कि बकरियां कम लागत में आसानी से पाली जा सकती हैं और इनकी देखभाल भी सरल होती है. मालूम हो कि बकरी पालन एक लाभकारी कृषि व्यवसाय है, जो उत्तर प्रदेश के लाखों किसानों द्वारा किया जाता है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सूबे में बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. यूपी सरकार ने इसके लिए 10 से 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी देने का फैसला लिया है.
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जानें बकरी पालन के लाभ
कम निवेश: बकरी पालन के लिए ज्यादा निवेश की आवश्यकता नहीं होती है.
जल्दी मुनाफा: बकरियां तेजी से वृद्धि करती हैं और जल्दी से प्रजनन करती हैं, जिससे जल्दी मुनाफा होता है.
कम जगह की आवश्यकता: बकरी पालन के लिए कम जगह की आवश्यकता होती है, इसे छोटे खेत या बाग में भी किया जा सकता है.
बहुउद्देशीय उपयोग: बकरियों से दूध, मांस, और ऊन प्राप्त होते हैं.
आसान देखभाल: बकरियों की देखभाल अन्य पालतू जानवरों की तुलना में सरल होती है.
यूपी में कैसे उठाएं योजना का लाभ?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत बकरी पालन के लिए अच्छी सब्सिडी दी जा रही है. यूपी के किसान 5 श्रेणियों के तहत आवेदन करके एनएलएम योजना का लाभ उठा सकते हैं. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कम से कम 100 बकरियों और ज्याद से जयदा 500 बकरियों की यूनिट लगानी होगी.
फर्ज कीजिए अगर कोई किसान 100 बकरियों की यूनिट लगाता है, तो उसे 5 बीजू बकरियां भी रखनी होंगी. 100 बकरियों की यूनिट लगाने की लागत 20 लाख रुपये मानी जाती है. इस पर किसान को 50 फीसदी या अधिकतम 10 लाख रुपये की सब्सिडी देने का प्रावधान है. एकल किसान योजना के तहत आवेदन करके बकरी पालन पर 10 लाख रुपये की सब्सिडी मिल सकती है. एकल किसानों में पुरुष और महिला दोनों को सब्सिडी दी जाएगी.
यूपी सरकार कर रही ट्रेनिंग और वर्कशॉप का आयोजन
उत्तर प्रदेश सरकार बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की ट्रेनिंग और वर्कशॉप का आयोजन भी करती है. इन ट्रेनिंग कार्यक्रमों में किसानों को बकरी पालन के नवीनतम तकनीकों और प्रथाओं के बारे में जानकारी दी जाती है. इसके अलावा, बकरी पालन के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए भी सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं.
चुनौतियां और समाधान
हालांकि बकरी पालन में कई फायदे हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं, जिनका सामना किसानों को करना पड़ता है. इनमें प्रमुख हैं:
1. बीमारियां: बकरियों में कुछ विशेष बीमारियां होती हैं जिनसे उनकी मृत्यु दर बढ़ सकती है. इसके समाधान के लिए नियमित चिकित्सा जांच और वैक्सीनेशन जरूरी है.
2. चारे की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में कभी-कभी चारे की कमी हो जाती है. इस समस्या के समाधान के लिए सरकार द्वारा चारा उत्पादन के लिए भी योजनाएँ चलाई जा रही हैं.
3. विपणन की समस्या: बकरी उत्पादों के लिए बाजार तक पहुंच बनाना भी एक चुनौती है. इसके समाधान के लिए सरकार द्वारा कोऑपरेटिव सोसायटियों का गठन किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत बकरी पालन पर दी जा रही सब्सिडी राज्य के ग्रामीण और कृषि-आधारित क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. यह योजना न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी. किसानों को चाहिए कि वे इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और बकरी पालन के क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें.
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