बस्ती के नगर पालिका बभन गांवा वार्ड में रहने वाले अकरम जो कि सपा के बहुत ही पुराने कार्यकर्ता है और पेशे से यह पंचर की दुकान चलाते हैं और अपनी आजीविका और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। बावजूद इसके वह पार्टी की पिछले 22 सालों से सेवा करते चले आ रहे हैं।उनका सपना था कि वह पार्टी के टिकट से सभासदी का चुनाव लड़े और जनता की सेवा करे।जिसको देखते हुए इन्होंने इस बार अपने वार्ड से दावेदारी ठोकी। उनकी दावेदारी को लेकर पार्टी के सभी नेताओं ने हरी झंडी दे दी और वह तन मन धन से अपने चुनाव में लग गए, लेकिन जब पार्टी के टिकट देने का समय आया तो उन्हें सपा जिलाध्यक्ष और बस्ती सदर से सपा विधायक महेंद्र यादव से टिकट का आश्वासन तो मिला लेकिन पार्टी के जिलाध्यक्ष ने अपने निष्ठावान कार्यकर्ता को नजरअंदाज करते हुए भाजपा से आए एक दलबदलू को टिकट दे दिया। जिसके बाद अकरम अब अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं उनका कहना है कि मैं गरीब हूं और गाड़ी और साइकिल का पंचर बनाता हूं।इसलिए मुझे टिकट नहीं दिया गया और दल बदल कर कुछ ही दिन पहले समाजवादी पार्टी में आए गौतम यादव को टिकट दे दिया गया क्योंकि वह धनबली है, कुल मिलाकर अब समाजवादी पार्टी सिर्फ यादवों की पार्टी रह गई है।उन्होंने ऐसे कई कैंडिडेटों का नाम बताया जिन्हें सिर्फ और सिर्फ इसलिए टिकट दे दिया गया क्योंकि वह यादव है..
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