फिर शुरू हो गई सियासत नोटबंदी..RBI के 2000 के नोट वापस लेने के ऐलान के बाद मानो इस मुद्दे पर विपक्ष फिर से एक फायर मिल गई बीजेपी सरकार को घेरने की,,तो RBI के इस एलान के बाद शुरू हो गया..आरोपों-बयानों,हमलों का सिलसिला.एक साथ पूरा विपक्ष हो गया,मोदी सरकार पर हमलावर,सबसे बात करते हैं यूपी के सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी की,जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इस पर तंज कसा..और कहा-कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है. 2000 रुपये के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इसकी सजा देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है. शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है..सपा की ओर से तो मानो बयानों की झड़ी सी लग गई,,तमाम सपाई दिग्गज सोशल मीडिया से बयानों तक इस मुद्दे पर पर मानो टूट पड़े..अब जरा अखिलेश यादव के चहेते बने फिर रहे बयानवीर स्वामी प्रसाद मौर्य, जो अक्सर अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं,उनका भी बयान देख लीजिए,स्वामी प्रसाद मौर्य ट्वीट कर कहते हैं–2 हजार रूपये की नोट जारी करने वाली भाजपा सरकार कालेधन व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के बहाने बंद करने जा रही है। क्या भाजपा बताएगी की केंद्र व तमाम प्रदेशो में भाजपा की ही सरकार है तो इतने कम समय में इतना बड़ा भ्रष्टाचार एवं कालाधन सम्भव कैसे हुआ? इसे भाजपा सरकार का भ्रष्टाचार कहें या करेंसी नीति की असफलता?
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political reactions on 2000 rs note ban
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