उत्तर प्रदेश में अब वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो मामले में सियासत तेज हो गई है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को निशाने पर लिया है.
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ओवैसी ने 29 सितंबर को ट्वीट कर कहा है, ”उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस इफ्तिखार के 6 साल पुराने वीडियो की ‘जांच’ करने के लिए एक एसआईटी का गठन किया है. वीडियो को अलग संदर्भ में लिया गया है और यह उस समय का है जब यह सरकार सत्ता में भी नहीं थी. यह धर्म के आधार पर जबरदस्त लक्षित उत्पीड़न है.”
इसके अलावा AIMIM चीफ ने कहा है, ”अगर मानदंड यह है कि कोई भी अधिकारी धार्मिक गतिविधि से जुड़ा हुआ नहीं होना चाहिए तो कार्यालयों में सभी धार्मिक प्रतीकों/तस्वीरों के इस्तेमाल पर रोक लगाएं. अगर घर में आस्था की चर्चा करना ही अपराध है तो सार्वजनिक धार्मिक उत्सव में हिस्सा लेने वाले किसी भी अधिकारी को दंडित करें. दोहरा मापदंड क्यों?”
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष और भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन की ओर से कथित रूप से अपने सरकारी आवास में धार्मिक सभा आयोजित कर इस्लाम के प्रचार से संबंधित तकरीर किए जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं. यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है.
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