अतीक अहमद और उसके बेटे असद अहमद की मौत हो चुकी है.जहां एक ओर असद का झांसी में यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया तो वहीं दूसरी ओर अतीक अहमद और उसके भाई की पुलिस कस्टडी में मेडिकल करवाने ले जाते समय गोली मार दी गई.लेकिन असद शुरुआत से अतीक के इस काले जुर्म के साम्राज्य का हिस्सा नहीं था. वो पढ़ाई में तेज था. कहा जाता है कि 12वीं की परीक्षा में 85 परसेंट नंबर के साथ पास भी हुआ था. वो लॉ करना चाहता था .इसी बीच जब अतीक को प्रयागराज से साबरमती शिफ्ट किया जाना था तो अतीक डरा हुआ था. उसे डर था कि उसके साथ इस नई जगह में कोई ज्यादती न हो. जिसके लिए उसने असद को एक जरूरी काम के लिए भेजा..असद को पीएम मोदी के काफी खास माने जाने वाले और राजनीतिक विशेषज्ञ जफर सरेशवाला के पास भेजा. वो भी खाली हाथ नहीं बल्कि खूब सारी मिठाई के साथ..जहां जेल में ही बंद अतीक की असद ने जफर सरेशवाला से बात भी करवा दी. पहले तो जफर सरेशवाला चौंक गए कि जेल में कैसे किसी से बात की जा सकती है फिर उन्हें खयाल आया कि ये कोई और नहीं बल्कि खुद माफिया अतीक अहमद है. जफर सरेशवाला ने हिम्मत बांधकर अतीक से भी फोन पर बोल दिया था कि अपनी परछाई से भी अपने बेटे को दूर रखना. अपनी छींटे भी इसपर मत पड़ने देना.
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atique ahmed shot dead
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