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देशवासियों के सालों पुराना सपना 22 जनवरी को पूरा होने वाला है जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगा. लेकिन इसी बीच अब काशी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बीजेपी नेता ने ऐसा बयान दिया कि बवाल खड़ा हो गया. काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का इतिहास 350 साल से ज्यादा पुराना है. मगर बीते कुछ सालों से इस मामले में हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने सामने हैं. वहीं, कोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे किया है, जिसकी रिपोर्ट अभी दाखिल नहीं हुई है. इन सब के बीच कर्नाटक के वरिष्ठ भाजपा नेता केएस ईश्वरप्पा ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ‘हम मस्जिद को तोड़ेंगे और उसकी जगह भव्य काशीविश्वनाथ मंदिर बनाया जाएगा…’
The years-old dream of the countrymen is going to be fulfilled on January 22 when the grand Ram temple in Ayodhya will be consecrated. But meanwhile, a BJP leader made such a statement regarding Gyanvapi Masjid in Kashi that it created a ruckus. The history of Kashi Vishwanath Temple and Gyanvapi Mosque is more than 350 years old. But for the last few years, Hindu and Muslim parties are at loggerheads in this matter. At the same time, on the orders of the court, the Archaeological Department of India (ASI) has conducted a survey of the Gyanvapi Mosque complex, the report of which has not been filed yet. Amidst all this, senior Karnataka BJP leader KS Eshwarappa has given a controversial statement regarding Gyanvapi Mosque. He said that ‘We will demolish the mosque and a grand Kashi Vishwanath temple will be built in its place…’
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