ज्ञानवापी में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक वाले केस की पोषणीयता पर अब 8 नवंबर को फैसला

रोशन जायसवाल

• 09:53 AM • 28 Oct 2022

ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक और एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन…

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ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक और एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन पूजा-अर्चना प्रारंभ कराने की मांग वाली याचिका सुनने योग्य है भी कि नहीं, इसका फैसला गुरुवार को वाराणसी के ट्रैक कोर्ट की अदालत में टल गया है और अब यह निर्णय 8 नवंबर को आएगा.

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यह याचिका हिन्दू पक्ष की तरफ से याची किरण सिंह की तरफ से लगाई गई थी. इस मांग के खिलाफ मुस्लिम पक्ष से अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी ने केस की पोषणीयता पर सवाल उठाया था और अब कोर्ट 8 नवंबर को तय करेगी कि मामला सुनने योग्य है कि नहीं? लेकिन गुरुवार को कोर्ट ने समय अभाव के चलते अपने निर्णय को टाल दिया और अब यह निर्णय 8 नवंबर को आएगा.

वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक महेंद्र कुमार पांडे की अदालत में बीते महीनों में ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मुकदमा नंबर 712/2022 भगवान आदि विशेश्वर विराजमान द्वारा किरन सिंह विसेन बनाम उत्तर प्रदेश राज्य का चल रहा है. जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक और एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन पूजा अर्चना-प्रारंभ कराने की मांग की गई थी.

सुनवाई के दौरान प्रतिवादी संख्या 4 अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी ने केस की मेंटेनेबिलिटी यानी पोषणीयता पर सवाल खड़ा किया था. जिसके बाद कोर्ट ने पोषणीयता आर्डर 7 रूल 11 सुनवाई शुरू कर दी.

हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की बहस 15 अक्टूबर को पूरी हो चुकी है. जिसके बाद न्यायालय ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट ने दिनांक 18 अक्टूबर तक रिटेन आर्गुमेंट दाखिल करने को कहा है और 27 अक्टूबर को मुकदमे की पोषणीयता पर फैसला सुनाने की बात कही थी.

मालूम हो कि ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक और एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन पूजा अर्चना प्रारंभ कराने की मांग को लेकर वाराणसी सिविल कोर्ट में दाखिल याचिका पर सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में सुनवाई भी जारी है. जिसपर पोषणीयता का सवाल खड़ा करते हुए मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दर्ज की थी और फिर जज महेंद्र कुमार पांडे ने पहले पोषणीयता पर ही सुनवाई शुरू की थी.

इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.

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