अगर हम गोरखपुर में हर सीट की बात करें तो इस सीट पर 28 साल से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है. और इस चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने कायस्थ समाज पर भरोसा जताया है, तो वहीं समाजवादी पार्टी ने ओबीसी कार्ड खेल कर यानी भोजपुरी नेत्री काजल निषाद को टिकट देकर भाजपा के चक्रव्यू को तोड़ने की प्लानिंग बना रही है. पर क्या यह चक्रव्यूह इस बार टूट जाएगा .यह कहना मुश्किल है पर 2017 के लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी, के टिकट पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉक्टर संजय निषाद के पुत्र इंजीनियर प्रवीण निषाद ने इस सीट पर जीत दर्ज कर योगी के लगभग 3 दशक की किले को गिरा दिया था. काजल निषाद की बात करें तो काजल निषाद विधानसभा 2022 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के पुत्र वर्तमान में कैंपियरगंज से विधायक फतेह बहादुर सिंह के सामने चुनाव मैदान में थीं. लेकिन काजल निषाद को वहां पर हार का सामना करना पड़ा था .लेकिन इस बार क्या इस चक्रव्यूह को तोड़ने में काजल निषाद कामयाब हो पाएंगे यह कहना मुश्किल होगा.
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Gorakhpur nagar nigam
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