Kanpur News : हिमांशु मिश्रा नाम के लड़के का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चल रहा है. इस वीडियो में वो बता रहा है कैसे गेमिंग और बैटिंग के चलते उसपर 96 Lakhs का कर्ज हो गया है. इसके बाद हिमांशु मिश्रा की कई कहानियां निकल कर सामने आईं और कई लोगों से धोखाधड़ी के भी आरोप लगे. वहीं उठ रहे इन तमाम सवालों का जवाब खुद हिमांशु मिश्रा ने यूपी तक के कैमरे के सामने दिया.
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कानपुर से क्या है नाता
हिमांशु मिश्रा ने कानपुर और बिहार दोनों जगह रहने पर जब सवाल पूछा गया तो उसने स्पष्ट किया कि उसका परिवार के आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कानपुर गए थे. उनकी मां उस समय पढ़ाई कर रही थीं और पढ़ाई के दौरान ही उनकी नौकरी बिहार में लगी. इसी वजह से परिवार फिर से बिहार वापस आ गया और कानपुर का मकान बेच दिया गयाय यह मकान तीन-चार साल पहले बेचा गया था.
जब हिमांशु से पूछा गया कि उनका आधार कार्ड कानपुर का क्यों है, तो उसने बताया कि वे पिछले पाँच साल से गेमिंग के सिलसिले में इधर-उधर घूम रहे हैं. बिहार में आधार कार्ड बदलने के लिए घरवालों की आवश्यकता होती है, जहां उनका साथ नहीं मिला. उसकी दसवीं और बारहवीं की मार्कशीट बिहार से ही है और उनका वोटर आईडी कार्ड भी बिहार का है.
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता अक्षय त्रिवेदी द्वारा उनके ऊपर केस करने पर हिमांशु ने बताया कि, उन्होंने FIR नहीं की है पुलिस से शिकायत की है. उनके आरोप झूठे हैं, उन्होंने मुझे बस सौ रुपए उधार दिए थे.
96 लाख नहीं बल्कि एक करोड़ हारा..
सरकार से निवेदन है कि इस तरह के अवैध गेम्स पर प्रतिबंध लगाए। लोगों को भी जागरूक होना चाहिए कि ये अवैध गेम्स केवल धोखा और बर्बादी हैं। गेम में केवल आप ही नहीं हारते, आपकी मेहनत, आपके सपने भी हार जाते हैं। लोग खुलकर आवाज नहीं उठाते क्योंकि इस जुए की वजह से सम्मान का सवाल खड़ा हो जाता है. इतिहास में भी महाभारत का उदाहरण है जब पांडव द्रौपदी को जुए में हार गए थे, इसलिए जुए की तासीर से सभी परिचित हैं. हम अब सबूत मांगेंगे तो नहीं ना होगा. सबूत दिखा भी देंगे हम तो दिखा सकते हैं भाई. छियानवे लाख का क्या एक करोड़ का प्रूफ दे देंगे. आके मिल लेंगे कोई हमसे दे देंगे सबूत पर पैसे क्या हमने हम अपनी गलती से हारे हैं ना तो किसी से कैसे मांग सकते हैं.
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