उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विधान परिषद के चुनावों में भी अपना झंडा फहरा दिया है. आखिर इस जीत के बाद विधान परिषद के समीकरण कैसे बदलेंगे और आगे समाजवादी पार्टी के लिए क्या मुसीबतें होने वाली हैं? खबर में आगे जानिए.
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यूपी में बीजेपी ने विधानसभा में बहुमत हासिल करने के बाद अब विधान परिषद की 36 सीटों में से 33 पर जीत हासिल कर उच्च सदन में भी बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. विधान परिषद की 100 सीटों में से अब तक बीजेपी 38 सीटों पर काबिज थी, जिनमें से 2 लोग अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. इनमें खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यशवंत सिंह शामिल हैं, जो इस बार विधान सभा चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे हैं.
इसी के साथ बीजेपी ने एमएलसी यशवंत सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसके बाद समीकरण बदल कर 38 से 35 पर आ गए थे, लेकिन 36 सीटों के विधान परिषद चुनाव में 33 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद अब बीजेपी का गणित 68 सीटों पर पहुंच गया है.
वहीं, अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो एसपी के पास 17 सदस्य बचे हैं और जुलाई में जब विधायकों के वोट से जब विधान परिषद के सदस्य चुने जाएंगे, तो यह संख्या और भी कम हो सकती है.
वहीं बीएसपी के पास 2 जुलाई के बाद सिर्फ एक विधान परिषद में सदस्य बचेगा, तो फिलहाल के आंकड़ों के हिसाब से देखें तो यूपी के दोनों सदनों में आने वाले समय मे बीजेपी की आवाज बुलंद होती दिख रही है. अब देखना होगा कि अखिलेश यादव इस सियासी प्रेशर से कैसे बचते हैं?
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