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जयंत चौधरी एक बार फिर से मानो सियासी सनसनी बन गए रातों-रात..सवाल उठने लगे कि आखिर जयंत क्या पका रहे हैं…खिचड़ी,बिरयानी या सत्ता की खीर चखने को हैं तैयार..ये सवाल उठा तब जब कल रात करीब 10 बजे दो ट्वीट किए..जिसके बाद इन ट्वीट्स और जयंत के बयानों के मायने निकाले जाने लगे कि आखिर क्या कहना चाहते हैं जयंत..क्या जयंत का गठबंधन को लेकर ये बड़ा इशारा है,,कोई बड़ा संकेत है..पहले जयंत चौधरी का ये ट्वीट देखिए खिचड़ी, पुलाव, बिरयानी..जो पसंद है खाओ! आगे एक और ट्वीट कर जयंत लिखते हैं-वैसे चावल खाने ही हैं तो खीर खाओ! तो जयंत कह रहे हैं कि अगर चावल ही खाना है तो खीर खाओ..तो क्या उनका ये संकेत एनडीए को लेकर है..दरअसल अभी कुछ दिनों पहले आरएलडी की एनडीए में वापसी को लेकर खूब चर्चाएं उठीं..महाराष्ट्र में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद बीजेपी के कई सहयोगियों के बयान आए जयंत के एनडीए में शामिल होने को लेकर..हालांकि जयंत ने बागपत के एक कार्यक्रम में उससे इनकार तो कर दिया..लेकिन अब एक बार फिर से जयंत के इन ट्वीट्स ने फिर से उस सवाल को हवा दे दी गई क्या वाकई 2024 के चुनाव से पहले जयंत कोई बड़ा उलटफेर कर सकते हैं..दरअसल कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद से जयंत और अखिलेश के रिश्ते में कुछ दूरियां हैं..ना अखिलेश उन दूरियों को पाटने की कोशिश कर रहे हैं..ना जयंत आगे बढ़कर अखिलेश से बात कर रहे हैं..कहा जा रहा है कि दोनों अपने-अपने पॉलिटिकल सम्मान को बचाकर रखना चाहते हैं..और जयंत के लिए तो ये और भी जरूरी बन गया है क्योंकि जिस तरह से पहले विधानसभा चुनाव में अपने ही इलाके में कई सीटों पर आरएलडी उम्मीदवारों को सपा के सिंबल पर लड़ा गया..और उसके बाद निकाय चुनाव में सपा ने अपने उम्मीदवारों को जयंत के क्षेत्र में उतारा उससे कहा जा रहा है कि ओर आरएलडी के निचले स्तर के कार्यकर्ताओं में नाराजगी है..लोकल स्तर के नेता इसे अखिलेश की सियासी चढाई के तौर पर देख रहे हैं..क्योंकि बार बार ये कहा जाता रहा है कि जिस क्षेत्र में जो मजबूत है वो क्षेत्र उसके लिए सियासी तौर पर छोड़ा जाए.
Jayant Chaudhary’s tweet on alliance
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