उत्तर प्रदेश के रामपुर में उपचुनाव (Bypolls) के लिए मतदान संपन्न हो चुका है. अब सभी की निगाहें 8 दिंसबर को आने वाली चुनावी नतीजों पर हैं.वोटर्स के लिए दूसरे चुनावों की तरह ही एक चुनाव भर हैं, लेकिन सूबे की राजनीतिक पार्टियों खासतौर पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी और खासकर आजम खान के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की ऐसी लड़ाई बन गई है, जिन पर उत्तर प्रदेश की निगाहें टिकी हैं.
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बता दें कि रामपुर विधानसभा सीट पर सोमवार को हो रहे उपचुनाव में मतदान की गति बहुत ही धीमी रही और शाम 5 बजे तक केवल 31.22 प्रतिशत मतदान हुआ.
वहीं, इस उपचुनाव के दोनों प्रमुख दावेदार भाजपा और समाजवादी पार्टी एक दूसरे पर चुनावी प्रक्रिया में व्यावधान डालने सहित अन्य कई आरोप लगे. बता दें कि रामपुर उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सीधा मुकाबला है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने इन उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से रामपुर में पुलिस बल के कथित दुरुपयोग का आरोप लगाया और यह भी कहा कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी मतदाताओं को वोट डालने से रोक रहे हैं.
बता दें कि रामपुर से इस उपचुनाव में सपा की ओर से आजम खान के करीबी असीम रजा चुनावी मैदान में उतरे हैं तो वहीं भाजपा ने आकाश सक्सेना को अपना उम्मीदवार बनाया है. मतदान के दौरान आजम खान से भी प्रशासन पर बड़े आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी मतदाताओं को वोट डालने से रोक रहे हैं. बता दें कि विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को शिकस्त देने के बाद बीजेपी के सामने उसके दुर्ग मैनपुरी और आजम खान के गढ़ रामपुर को जीतने का अच्छा मौका है. इसी साल जून में एसपी सांसद आजम खान के इस्तीफे के बाद रामपुर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए. बीजेपी ने दोनों सीटों पर जबदस्त जीत दर्ज की थी.
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