उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब ‘सांड पॉलिटिक्स’ की एंट्री हो गई है. पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वादा किया है कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो सांड के हमले में मारे जाने वाले लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
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ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या अखिलेश यादव के इस ऐलान से प्रदेश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार को नुकसान हो सकता है? इसका जवाब तो भविष्य के गर्भ में छुपा है, लेकिन इस बीच यूपी तक की टीम चंदौली पहुंची और वहां के स्थानीय किसानों से जानने की कोशिश की कि वह आवारा पशुओं से कितना परेशान हैं.
किसानों से बातचीत के दौरान हमें पता चला कि वे छुट्टा पशुओं को लेकर काफी परेशान हैं और इसे लेकर वह सरकार से खासे नाराज भी हैं. किसानों की मानें तो जरूरी काम छोड़ कर उनका समय खेतों से आवारा जानवरों को ही भगाने में निकल जाता है.
चंदौली में डेहुरिल के रहने वाले किसान जोगिंदर यादव ने बताया कि किसानी से ही उनका घर चलता है. जोगिंदर का कहना है कि दिनभर तो किसी तरह आवारा पशुओं को वो खेत से हांक देते हैं, लेकिन रात के समय ये जानवर उनके फसलों को बर्बाद कर देते हैं.
वहीं चंदौली के ही नशीबपुर के रहने वाले राधे श्याम भी एक छोटे किसान हैं. राधे श्याम आवारा पशुओं से बहुत परेशान हैं. उन्होंने बताया कि वह दिन में 5 से 6 बार खेतों में घुस कर अवारा पशुओं को हांकते हैं लेकिन इसके बावजूद भी छुट्टा जानवर उनके खेत चर जाते हैं.
ये तो कहानी है किसानों की, जिन्हे खेत बचाने के लिए इतनी मशक्कत करनी पड़ती है. इसके अलावा शहर में आवारा जानवर बीच सड़क पर घूमते नजर आते हैं. आए दिन इन जानवरों की वजह से अक्सर दुर्घटना की खबरें आती रहती हैं.
जिले के रविनगर निवासी पिंटू सिंह राजपूत भी आवारा जानवरों से काफी परेशान हैं. उन्होंने बताया कि अक्सर ये आवारा जानवर बाइक के साथ टकरा जाते हैं और गंदगी जो फैलाते हैं वो अलग दिक्कत है.
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5वीं में पढ़ने वाले इस बच्चे ने बताया अखिलेश यादव की सरकार में हुआ कितना काम
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