कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 19 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आगामी विधानसभा चुनाव में राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी को लेकर बड़ा ऐलान किया था. उन्होंने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने का ऐलान किया.
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इस ऐलान के दौरान उन्होंने कुछ लड़कियों और महिलाओं का नाम लिया. इनमें से ही एक नाम पारो का है. उस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा था कि यह निर्णय प्रयागराज की उस लड़की पारो के लिए लिया गया है, जिसने मेरा हाथ पकड़कर कहा था कि दीदी मैं बड़ी होकर नेता बनना चाहती हूं.
ऐसे में यूपी तक की टीम प्रयागराज स्थिति पारो के घर पहुंची और यह जानने की कोशिश की कि प्रियंका गांधी का पारो से कैसे परिचय हुआ.
पारो ने यूपी तक से बातचीत में बताया, “2019 में दीदी (प्रियंका गांधी) प्रयाराज से बनारस जल यात्रा के लिए निकली थीं. सिरसा घाट पर मेरी और दीदी की मुलाकात हुई थी. दीदी ने पास बुलाकर मुझसे बातचीत की. उन्होंने मेरा नाम, गांव और मैं किस क्लास में पढ़ती हूं, यह सब जाना. उस समय मैं 8 वीं कक्षा में पढ़ती थी, अभी 10 वीं क्लास में पढ़ रही हूं.”
पारो ने बताया, “मैंने दीदी से कहा कि यहां कुछ करिए, जिससे गांव में बड़ा स्कूल हो, जहां गरीब बच्चे पढ़ाई कर सकें. इसपर दीदी ने कहा था कि चलो ठीक है हम कर देंगे. सिरसा पुल का भी मांग हुआ था, जिसपर दीदी ने कहा था कि हो जाएगा.”
पारो के बड़े पिता को उम्मीद है कि प्रियंका गांधी एक दिन पारो को पढ़ाने के लिए दिल्ली बुलाएंगी. पारो के बड़े पिता बलराम निषाद कहते हैं, “2019 में जब प्रियंका गांधी जल यात्रा के लिए आई थीं तो उन्होंने पारो से आगे की पढ़ाई के बारे में पूछा था. प्रियंका गांधी ने पारो से कहा था कि मैं तुम्हें दिल्ली में पढ़ाई के लिए बुलाना चाहती हूं तो क्या तुम आओगी. इसपर पारो ने कहा था कि मम्मी-पापा से अनुमति लेने के बाद आउंगी.”
बलराम निषाद आगे कहते हैं, “अभी पारो इंतजार कर रही है. फिलहाल उसने 11 वीं में एडमिशन ले लिया है. अगर प्रियंका जी बुलाएंगी तो जरूर जाएगी.” वहीं, पारो की मां को सिर्फ इसी बात की खुशी है कि प्रियंका गांधी ने उनकी बेटी का नाम लिया है.
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