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योगी सरकार कहती है कि नक़ल पर नकेल कसी जा रही है.. लेकिन हाल फिलहाल में नकल करने वालों की ऐसी तस्वीरें सामने आई.. जिन्हें देख आप कहेंगे कि नकलची एक कदम आगे जाकर नया तरीक़ा निकालने के प्रयास नहीं छोड़ते.. जी हां UPSSSC की ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा अभी चल रही है.. कल यानी 26 जून को प्रदेश के 20 जिलों में 737 परीक्षा केंद्रों पर चार पालियों में ये एग्जाम करवाया जा रहा था.. लेकिन इसी बीच यूपी एसटीएफ ने UPSSSC परीक्षा में सेंध लगाने वाले दो सॉल्वर गैंग के 14 लोगों को बरेली, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, गोंडा से गिरफ्तार किया.. तो आईए इस वीडियो में जानते हैं कहां कैसे कैसे नकल करते पाए गए अभ्यर्थी..
दरअसल, साल 2018 में गलत पेपर बांटने और सॉल्वर गैंग की सेंधमारी के चलते निरस्त हुई ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा 5 साल बाद उत्तर प्रदेश के 20 जिलों के 737 सेंटर पर आयोजित की गई। लेकिन भइया सोमवार यानी 26 जून को ग्राम पंचायत अधिकारी ,ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक के लिए हो रही इस लिखित परीक्षा में भी सॉल्वर गैंग पकड़े गए.. यूपी एसटीएफ ने लखनऊ और बरेली से दो अलग-अलग गैंग दबोचे..
यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के मदेगंज, गोमती नगर विस्तार और गाजीपुर से जिन 4 लोगों को गिरफ्तार किया उनका सरगना जौनपुर में तैनात लेखपाल कमलेश कुमार यादव था.. एसटीएफ ने कमलेश कुमार यादव को भी गोमती नगर विस्तार से गिरफ्तार किया.. बताया जा रहा है कि कमलेश यादव ने ही लखनऊ के गाजीपुर से पकड़े गए परीक्षार्थी मनोज यादव और कमलेश यादव के अलावा मदेगंज से पकड़े गए राहुल यादव को ब्लूटूथ कनेक्टेड एक डिवाइस दी थी.. जिसे परीक्षार्थियों ने अपने कान में अंदर डाला था और दूसरी तरफ सॉल्वर बैठकर प्रश्न पत्र हल करवा रहे थे। लेखपाल कमलेश यादव ने इस काम के लिए राहुल यादव से ₹8लाख और गाजीपुर से पकड़े गए मनोज यादव से 12लाख रु में परीक्षा पास कराने की बात तय की थी.. इतना ही नहीं बतौर एडवांस ₹50,000 दोनों परीक्षार्थियों से लिए थे.. एडवांस की रकम से लेखपाल कमलेश यादव ने परीक्षार्थियों को एक ब्लूटूथ डिवाइस दिया था, जिसे परीक्षार्थियों ने अपने कान में लगाया और जो दूसरी तरफ सॉल्वर से कनेक्ट था.. परीक्षार्थी पढ़ते हुए बोलकर सवाल पढ़ता तो दूसरी तरफ से सॉल्वर उसका जवाब कान में बता देता..
ठीक इसी तरह यूपी एसटीएफ ने कानपुर के नौबस्ता इलाके से सत्यम तिवारी को गिरफ्तार किया है.. एग्जाम हॉल से गिरफ्तार सत्यम तिवारी ने कान के अंदर ब्लूटूथ डिवाइस लगाया था.. जिसे यूपी एसटीएफ ने क्लिप के जरिए बाहर निकाला.. एसटीएफ ने पूछताछ की तो पता चला यह ब्लूटूथ डिवाइस सत्यम तिवारी को दूसरे परीक्षार्थी प्रहलाद पाल ने दी थी और परीक्षा पास कराने पर ₹8लाख देने थे.. ब्लूटूथ डिवाइस की दूसरी तरफ प्रहलाद पाल खुद था जो पास के ही एक लॉज में रुक कर सत्यम को सवालों के जवाब बता रहा था..हालाकिं सत्यम तिवारी की गिरफ्तारी के बाद प्रहलाद पाल लॉज से फरार हो गया..
यूपी एसटीएफ ने जो दूसरा सॉल्वर गैंग दबोचा वह बरेली का था.. जिसे एसटीएफ ने बरेली के हाफिजगंज थाना क्षेत्र से सरगना नाजिम, 2 सॉल्वर, 2 परीक्षार्थी 1मददगार और इस गैंग के लिए काम करने वाले ड्राइवर को भी गिरफ्तार किया.. पूछताछ में गैंग सरगना नाजिम ने कुबूला कि 2018 में हुई इसी पद की परीक्षा में वह बिहार से सॉल्वर लाया था और फोटो मिक्सिंग के जरिए परीक्षार्थियों की जगह सॉल्वर बैठे थे जिसके आपस में 10 से 15लाख रुपए परीक्षार्थियों से लिए थे और 25 से ₹30हज़ार सॉल्वर को दिए गए थे। इस बार भी परीक्षा में बिहार से बुलवाए गए सॉल्वर्स को परीक्षा में बैठाया था जिसे यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। अब कानपुर, लखनऊ और बरेली के साथ-साथ एसटीएफ ने गोरखपुर से एक परीक्षार्थी दीपांशु वर्मा और उसके साथी को गिरफ्तार किया है.. दीपांशु वर्मा ने 2018 में ग्राम विकास अधिकारी के लिए परीक्षा दी थी। इस बार खुद सॉल्वर बनकर परीक्षा दे रहा था जिसे यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है..
तो ये थी नकल करने वालों की कहानी.. अब यहां जो सबसे हैरान करने वाली बात है वो ये है कि इस एग्जाम में बतौर सॉल्वर बैठ रहे वो लड़के हैं जो प्रयागराज लखनऊ जैसे बड़े शहर में सालो से यूपीएससी या अन्य बड़ी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और जिन्होंने कुछ पैसे जल्दी कमाने के लिए सॉल्वर बनकर परीक्षा दी। गैंग सरगना को तो परिक्षार्थियों से लाखों रुपए जा रहे थे लेकिन परीक्षा में बैठ रहे इन नौजवानों को चंद रू ही परीक्षा पास करने के बाद मिलते थे.. हालांकि सोचने वाली बात है कि इस लेवल वाले एग्जाम में चाहे जितना कोशिश कर लें.. नकल रोक नहीं पा रहा प्रशासन..
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