उत्तर प्रदेश में एक बार फिर योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. योगी के साथ उनके मंत्रिमंडल के 52 मंत्रियों ने भी शपथ ली. इन मंत्रियों की लिस्ट में एक नाम काफी दिलचस्प रहा, वो है दानिश आजाद अंसारी का. दानिश योगी सरकार के इकलौते मुस्लिम मंत्री हैं.
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दानिश ने योगी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान कैबिनेट मंत्री मोहसिन रजा की जगह ली है. बलिया जिले के बांसडीह स्थित अपायल गांव के मूल निवासी दानिश अभी राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले दानिश अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों पर रहे हैं. सूबे में 2017 में बीजेपी सरकार आने के बाद उन्हें भाषा समिति का सदस्य बनाया गया. वह लगातार अल्पसंख्यक समाज और युवाओं में अपनी सक्रियता बनाए रहे हैं. माना जा रहा है कि इसी वजह से 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी ने प्रदेश महामंत्री बनाया था.
बता दें कि बीजेपी ने अपने सियासी एजेंडे के तहत दानिश को योगी कैबिनेट में शामिल किया है. मोदी सरकार के बनने के बाद से बीजेपी का फोकस मुस्लिम पसमांदा जाति पर है, जिसके लिए मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद को लाया गया है. मोहसिन रजा शिया और मुस्लिम सवर्ण जाति से आते हैं, जबकि दानिश मुस्लिम ओबीसी के अंसारी समुदाय से आते हैं.
मुस्लिमों में सबसे बड़ी आबादी यूपी में अंसारी समुदाय की है, लेकिन सत्ता में उनकी भागीदारी आबादी के लिहाज से कम है. ऐसे ही पसमांदा समुदाय की दूसरी जातियों के जगह मुस्लिम समुदाय की सवर्ण जातियां शेख, पठान, सैय्यद, मुस्लिम राजपूत और मुस्लिम त्यागी हावी हैं. ऐसे में बीजेपी की नजर ओबीसी मुस्लिम समुदाय पर है, जिन्हें साधने के लिए वो तमाम कवायद कर रही है.
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