गोंडा लोकसभा क्षेत्र अयोध्या से सटा हुआ है. राजधानी लखनऊ से महज 115 किमी की दूरी पर यह बसा है. कहा जाता है कि गोंडा को राजा देवी बख्श सिंह ने बसाया था. गोंडा लोकसभा क्षेत्र पर मनकापुर राजघराने का कब्जा है. आजादी के बाद अब तक हुए चुनाव में 8 बार कांग्रेस और 5 बार बीजेपी ने अपना परचम लहराया है. 5 विधानसभा क्षेत्रों में गोंडा सदर, मनकापुर ,गौरा, मेहनौन और उतरौला शामिल हैं. 2019 लोकसभा चुनाव के मुताबिक, गोंडा लोकसभा में 17,84,768 मतदाता हैं.
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जानें राजनीतिक चुनावी इतिहास
- साल 1952 में हिंदू महासभा की शकुंतला नायर गोंडा से सांसद निर्वाचित हुई थीं.
- साल 1957 में दिनेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी.
- साल 1962 में राम रतन गुप्ता कांग्रेस से तो जीते थे, लेकिन रिपीटेशन के बाद पंडित नारायण डांडेकर स्वतंत्र पार्टी से लगभग ढाई साल सांसद रहे.
- साल 1967 में सुचेता कृपलानी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज कर सांसद बनी थीं.
- साल 1971 में मनकापुर राजघराने के कुंवर आनंद सिंह कांग्रेस से जीते थे.
- साल 1977 में सत्यदेव सिंह ने जनता पार्टी से जीत दर्ज की थी.
- साल 1980, 1984, 1989 में लगातार कांग्रेस के आनंद सिंह ने अपना परचम लहराया था.
- मंदिर आंदोलन के बाद से भारतीय जनता पार्टी ने जिले में अपनी पैठ बनाई.
- साल 1991 में भाजपा के बृजभूषण शरण सिंह ने निर्वाचित हो कर कमल खिलाया था.
- साल 1996 में बृजभूषण शरण सिंह की पत्नी श्रीमती केतकी सिंह ने भाजपा से चुनाव लड़ा और जीत का झंडा गाड़ा था.
- साल 1999 में मनकापुर राजघराने के कुंवर आनंद सिंह के बेटे कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा और जीत दर्ज की थी.
- साल 2001 में भारतीय जनता पार्टी के बृजभूषण सिंह ने सपा के कृतिवर्धन सिंह को हरा कर परचम लहराया.
- साल 2005 में कीर्तिवर्धन सिंह ने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा और निर्वाचित घोषित हुए.
- साल 2009 में बेनी प्रसाद वर्मा कांग्रेस से जीते थे.
- साल 2014 और 2019 में कीर्तिवर्धन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी से जीत दर्ज की.
(ऊपर वीडियो में गोंडा लोकसभा का सियासी गणित विस्तार से समझें.)
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