उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के नतीजों ने बड़ा उलटफेर किया है. यूपी को अपनी सबसे मजबूत सियासी जमीन मान रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जोर का झटका लगा है. इस बार यूपी में इंडिया गठबंधन ने 43 सीटों पर विजय हासिल की है, जबकि इस बार NDA कुल 36 सीटें ही जीत सका है. 2019 के चुनावों में बीजेपी को यूपी में 62 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी, जबकि एनडीए को 64 सीटें मिली थीं. इस हिसाब से इसे बीजेपी और एनडीए का जबर्दस्त नुकसान समझा जा रहा है. इस बीच सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटी (CSDS) ने लोकनीति के साथ मिलकर किए गए पोस्ट पोल सर्वे का आंकड़ा शेयर किया है. सर्वे के आकड़े के मुताबिक यूपी में ना केवल मोदी मैजिक फीका हो चुका है बल्कि बीजेपी के सबसे मजबूत वोटर्स माने जाने वाले कुर्मी और कोइरी जातियों के वोटों में भी कमी आई है.
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द हिंदू में प्रकाशित इन आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 की लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सबसे मजबूत वोट बैंक मानी जाने वाली जातियां कुर्मी और कोइरी के वाटर्स में भी कमी आई है. बात करें साल 2019 के आम चुनाव की तो इसमें 80 प्रतिशत कुर्मी और कोइरी जातियों ने अपना भरोसा बीजेपी पर जताया था. हालांकि साल 2024 के आम चुनाव में इन जातियों को वोटिंग प्रतिशत घटकर 61 हो चुका है.
2024 चुनाव में कुर्मी-कोइरी ने यूपी में किसे दिया वोट?
जाति | इंडिया गठबंधन | एनडीए | बसपा | अन्य |
कुर्मी-कोइरी | 34 | 61 | 2 | 3 |
2019 में कुर्मी-कोइरी किस ओर था?
CSDS- लोकनीति के पोस्ट पोल आंकड़ों के मुताबिक 2019 में 5 प्रतिशत कुर्मी-कोइरी जातियां कांग्रेस की ओर थी. वहीं 80 प्रतिशत इन जातियों का झुकाव बीजेपी की तरफ था. जबकि महागठबंधन यानी सपा-बसपा गठबंधन के लिए ये आंकड़ा 14 फीसदी और अन्य के लिए 1 फीसदी था
जाति | सपा-बसपा | एनडीए | कांग्रेस | अन्य |
कुर्मी-कोइरी | 14 | 80 | 5 | 1 |
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