अयोध्या: जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त करने वालों के नाम जारी, लिस्ट में हैं कई BJP नेता, जानिए

बनबीर सिंह

• 07:29 AM • 07 Aug 2022

Ayodhya News: अयोध्या में सरयू के करीब वाले क्षेत्रो मांझा जमथरा से लेकर गोलाघाट तक जिन लोगों ने डूब क्षेत्र में निर्माण किए हैं, विकास…

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Ayodhya News: अयोध्या में सरयू के करीब वाले क्षेत्रो मांझा जमथरा से लेकर गोलाघाट तक जिन लोगों ने डूब क्षेत्र में निर्माण किए हैं, विकास प्राधिकरण उन सभी को ध्वस्त कर रहा है. यही नहीं जमीन का अवैध कारोबार करने वाले प्रॉपर्टी डीलरों को भी चिह्नित कर लिया गया है. अयोध्या विकास प्राधिकरण ने इस क्षेत्र की 40 कॉलोनियों को अवैध घोषित करते हुए ना सिर्फ ध्वस्त करने की बात कही है, बल्कि 40 ऐसे लोगों के नाम जारी कर दिए हैं, जो जमीन की खरीद बिक्री के अवैध कारोबार में लिप्त हैं. सूत्रों की मानें तो माझा जमथरा से गोलाघाट अयोध्या तक के क्षेत्र में कई बड़े नेताओं और अफसरों से लेकर सफेदपोशों तक ने बड़ी-बड़ी जमीने खरीद रखी हैं. अब ऐसे में अयोध्या विकास प्राधिकरण का ये पत्र किसी भूचाल से कम नहीं है!

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लिस्ट में किन-किन के नाम हैं?

इस लिस्ट में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लाखों की जमीन करोड़ों में बेचने के मामले में चर्चित हुए सुल्तान अंसारी उनके पिता नन्हे मियां के साथ-साथ अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, अयोध्या के भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, मिल्कीपुर विधानसभा के पूर्व भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा के नाम भी शामिल हैं.

शनिवार देर शाम अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा जारी की गई इस लिस्ट से हड़कंप मचना तय है और इसको लेकर विपक्षी पार्टियां भाजपा को कटघरे में खड़ा कर सकती हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अपने पहले और दूसरे दोनों कार्यकालों में सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या आए हैं और उनके साथ घूमने वाले भाजपा के बड़े चेहरे कटघरे में हैं.

इसके पहले अयोध्या के भाजपा सांसद लल्लू सिंह ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अधिकारियों और भू माफियाओं के बीच बड़े गठजोड़ की बात कही थी और इसके लिए एसआईटी बनाकर जांच करने की मांग की थी. वहीं, समाजवादी पार्टी भी अयोध्या में लगातार इस मामले को लेकर आवाज उठाती रही है. ऐसे में अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा जारी हुआ पत्र विपक्ष के हाथ में किसी हथियार से कम नहीं होगा.

नगर आयुक्त एवं उपाध्यक्ष अयोध्या विकास प्राधिकरण विशाल सिंह ने कहा, “अयोध्या में बहुत ज्यादा समय तक विकास का कोई कार्य इस तरीके से नहीं किया गया है और अब शासन की मंशा है कि अयोध्या को वैश्विक राजधानी के रूप में आध्यात्मिक रूप में विकसित किया जाए. इसलिए हम किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण किसी भी प्रकार की अवैध कॉलोनी इसको बनने से रोकेंगे.

उन्होंने आगे कहा,

“इसी दिशा में जो माझा जमथरा एक डूब क्षेत्र है और अभी वहां पर परिक्रमा मार्ग से लेकर सरयू जी तक बीच का जो क्षेत्र है. हम लोगों ने हमेशा सचेत किया है कि यह डूब क्षेत्र है. यहां पर किसी भी प्रकार का मकान बनाना या निर्माण कराना परमिटेड नहीं है. लेकिन तब भी लोग खेती की जमीन खरीदते हैं. छोटे-छोटे टुकड़े में खरीदते हैं और अनाधिकृत प्रॉपर्टी डीलर उनको बेवकूफ बनाकर, बेच कर चले जाते हैं. वर्तमान में 40 अवैध कॉलोनियां चिह्नित की गई हैं. हम बारी-बारी से करके डिमोलिशन की कार्रवाई कर रहे हैं.”

विशाल सिंह

इस तरह हुआ जमीन का पूरा खेल!

दरअसल, यह पूरा क्षेत्र अभिलेखों में डूब क्षेत्र के रूप में दर्ज है. डूब क्षेत्र दर्ज होने के कारण इस भूमि पर निर्माण नहीं हो सकता. इसीलिए इस भूमि में विकास प्राधिकरण से निर्माण को लेकर नक्शा पास नहीं होता. अब जिन लोगों ने 1000 स्क्वायर फीट तक जमीन ली है, उन्हें नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होती केवल आवास के नक्शे का कागजात जमा कराना होता है.

भू माफियाओं ने इसी का फायदा उठाया और 1000 स्क्वायर फीट जमीन के टुकड़े लोगों को यह कहते हुए बेच दिए कि उन्हें नक्शा पास करने की कोई जरूरत नहीं है. बंधा बनने के बाद कई सालों से बाढ़ का पानी इधर नहीं आता है. इसीलिए जमीन समतल है और लोगों ने सस्ती होने के कारण जमीन के कागजात चेक कराने के बाद जमीन खरीद ली. जिस पर उन्होंने निर्माण भी कर लिया या कर रहे हैं.

इन्हीं खरीदारों में सेना में काम कर रहे और सेवानिवृत्त हुए जवानों के कई परिवार भी हैं, जिनके निर्माण कार्य पर बुल्डोजर चल रहे हैं. तो वह सवाल पूछ रहे हैं अगर जमीन सही नहीं थी तो उसका उनके नाम आवासीय खारिज दाखिल कैसे हो गया, उस जमीन की आबादी कैसे घोषित हो गई, वहां आसपास मकान और सड़क कैसे बन गए और जब वह मकान बना रहे थे तो उन्हें रोका क्यों नहीं गया? इसीलिए पाई-पाई जोड़ कर जो उन्होंने जमीन खरीदी और उस पर निर्माण कराया वह भी जब इस तरह चला जाएगा तो वह कहां जाएंगे.

इसी मामले की जांच पड़ताल के दौरान विकास प्राधिकरण को इस मामले में कई बड़े सफेदपोशों के लिप्त होने की जानकारी मिली है. हालांकि अयोध्या से भाजपा सांसद लल्लू सिंह ने इसका इशारा पहले ही कर दिया था और रही सही कसर मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पूरी कर दी थी.

सांसद लल्लू सिंह ने बताया, “हम सब उसका परीक्षण करा रहे हैं. प्रशासन के लोग भी परीक्षण करा रहे हैं. जिससे भविष्य में जनता का उत्पीड़न ना हो और जल्दी ही उसका परीक्षण हो जाएगा.” ‘जिन लोगों ने फ्रॉड करके बेचा है उनके ऊपर भी कार्रवाई होगी? लल्लू सिंह ने कहा कि ‘बिल्कुल कार्रवाई होनी चाहिए जब परीक्षण हो जाएगा तभी सारी बातें सामने आएंगी, जमथरा से लेकर गोलाघाट तक का पूरा मामला है.’

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