Ramlala Pran Pratishtha : अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब कुछ ही दिनों का समय रह गया है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, लेकिन इसे लेकर हो रहा विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर उत्तराखंड ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इसके मुहूर्त पर सवाल उठाए हैं. यूपी तक से खास बातचीत करते स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद राम मंदिर पूरे ना होने से पहले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर सवाल उठाए हैं.
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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उठाए ये सवाल
यूपी तक से बात करते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, ‘अभी मंदिर में कई चीजों का निर्माण नहीं हुआ है. मंदिर का निर्माण नागर शैली में हो रहा है और उस शैली में आठ अंगों का निर्माण होता है. राम मंदिर में आठ अंगों में से केवल दो तीन ही अंग बने हैं. तो अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कैसे हो सकता हैं.’ उन्होंने कहा कि, ‘मंदिर का शिखर अभी तक बना नहीं है तो ध्वज कहां लगेगा. और ध्वज नहीं लगेगा तो वहां असुर शक्तियां आ जाएंगी.’
आसुरी शक्तियों का होगा राज
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि, ‘मंदिर पर न तो ध्वजा है और न शीश बना है, ऐसे में इसके अंदर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करना सही नहीं है.’ उन्होंने आगे ने आगे कहा कि, ‘अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने से आसुरी शक्तियां बलवान होंगी. जो लोग वहां पूजा करेंगे और जो कुछ भी चढाएंगे उससे आसुरी शक्तियां बलवान होंगी.’
प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त पर उठाए सवाल
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, ‘वाराणसी के जिस ज्योतिषाचार्य ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मुहूर्त निकाला, वो खुद भी इससे सहमत नहीं हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लोग उनके पास आए और कहा कि जनवरी का ही मुहूर्त निकालकर दो. ऐसे में उन्हें जनवरी में जो ठीक मुहूर्त मिला वो उन्होंने बता दिया.’
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