Kanpur News: भारत में रेलवे को लेकर सरकार बड़े-बड़े दावे करती है. मगर दूसरी तरफ त्योहारों पर लोगों को घर तक जाने के लिए किस तरह के संकट उठाने पड़ते हैं, इसका एक नजारा कानपुर रेलवे स्टेशन पर रविवार को देखने को मिला, जब दिल्ली से बिहार जाने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस के एक कोच में ही करीब 400 से ज्यादा यात्री घुस गए. ज्यादातर यात्री तो दिल्ली से चलकर आए थे. लेकिन कानपुर में और यात्री घुसने से कोच पर इतना लोड बढ़ गया कि उसकी स्प्रिंग ही बैठ गई. मामले की सूचना मिलने पर आरपीएफ ने आकर कोच से यात्रियों को खाली कराया और उनको दूसरे कोच में शिफ्ट कराया. तब जाकर ट्रेन आगे बढ़ी.
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कानपुर सेंट्रल के सीटीएम ये बात
कानपुर सेंट्रल के सीटीएम आशुतोष सिंह का कहना है, “ट्रेन दिल्ली से ही पहले भरी हुई आई थी. S3 कोच में पहले ही से यात्री सैकड़ों की संख्या में भरे थे. कानपुर में कुछ और यात्री उसमें चले गए. उसका बैलेंस बिगड़ गया. स्प्रिंग लोड नहीं उठा रही थी. इसीलिए आरपीएफ ने यात्रियों को कम करके दूसरे डिब्बे में शिफ्ट किया.”
‘एक सीट पर बैठ गए थे आधा दर्जन लोग’
आशुतोष सिंह ने बताया कि ‘एक डिब्बे में 72 सीट होती हैं. ऐसे में त्योहार के चलते एक-एक सीट पर आधा-आधा दर्जन लोग बैठ गए. गली में लोग बैठ गए, बाथरूम में लोग बैठ गए. इससे कुछ का बैलेंस निकल रहा था. सूचना पाकर आरपीएफ ने यात्रियों को उतार कर दूसरे कोचों में सिर्फ कराया और ट्रेन को रवाना किया.
इसी तरह सेंट्रल पार्क से महानंदा एक्सप्रेस का भी नजारा देखने को मिला था. होली के चलते रेलवे प्रशासन के दावे सब फेल हो गए. रेलवे ने दावा किया था कि यात्रियों के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं. सभी यात्रियों को सुविधा के साथ उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा. लेकिन ऐसा कुछ दिखा नहीं. अगर एक डिब्बे में 400 से ज्यादा यात्री चले जाएं, तो ऐसे में चलते समय ट्रेन की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं?
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