NEET UG 20024 row: 4 जून को जारी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) का रिजल्ट आने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है. हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स सफलता का सेलिब्रेशन कर रहे हैं, तो बहुत ऐसे हैं जो ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और दुख-निराशा से जूझ रहे हैं. ऐसी ही एक स्टूडेंट है लखनऊ की आयुषी पटेल. आंसर की चेक करने पर आयुषी को 720 में से 715 नंबर मिलते दिख रहे हैं, लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने उनका रिजल्ट ही जारी नहीं किया. ऐसी वजह बताई कि आयुषी पहले तो सकते में आई और अब इस लड़ाई को लखनऊ हाई कोर्ट के दरवाजे पर लेकर पहुंच गए हैं. यूपी Tak ने आयुषी का दर्द और पीड़ा जानने की कोशिश की है.
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आपको बता दें कि पूरे देश में NEET रिजल्ट पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. परीक्षा को लेकर एक तरफ देश भर के छात्र NTA के जारी रिजल्ट और ग्रेस मार्किंग पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो वहीं लखनऊ की आयुषी ने NTA की परीक्षा प्रणाली पर ही सवाल खड़े करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका डाल दी है. लखनऊ की रहने वाली आयुषी पटेल ने भी लाखों स्टूडेंट्स की तरह इस बार नीट की परीक्षा दी, लेकिन 4 जून को जब रिजल्ट आया तो NTA ने आयुषी का रिजल्ट देने से मना कर दिया. वजह बताई कि आपकी ओएमआर शीट फटी हुई थी.
ओएमआर शीट कैसे फट गई, आयुषी को नहीं पता, लेकिन नीट परीक्षा के बाद जो आंसर की जारी हुई उसमें आयुषी को 720 में 715 नंबर आ रहे है. NTA है कि आयुषी का result ही जारी करने से मना कर रहा है. लखनऊ के पारा इलाके में रहने वाली आयुषी भी 4 जून को नीट परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार कर रही थीं. लेकिन जब देर शाम आयुषी ने ऑनलाइन रिजल्ट देखा तो उसमें NTA की तरफ से जवाब आया कि आपकी ओएमआर शीट फटी हुई थी लिहाजा रिजल्ट जारी नहीं किया जा सकता.
आयुषी के अरमानों पर पानी फिर गया. पैरों तले धरती खिसक गई कि यह क्या हुआ, उसके तो आंसर की में सिर्फ एक सवाल गलत था इसलिए उसके 720 में 715नंबर आ रहे थे. इस बार तो उसका एमबीबीएस में गवर्नमेंट कॉलेज मिलना तय था लेकिन NTA ने रिजल्ट जारी करने से मना कर आयुषी के सपनों को चकनाचूर कर दिया.
आयुषी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उसकी ओएमआर शीट फट कैसे सकती है. उसने तो परीक्षा में बहुत सावधानी से ओएमआर शीट गोले भरे थे और जमा की थी. परीक्षा केंद्र पर तैनात लोगों ने भी सख्ती और सतर्कता के साथ उसकी ओएमआर शीट जमा भी करवाई थी फिर ओएमआर शीट कैसे फट गई.
हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका
आयुषी के मामा पेशे से हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में अधिवक्ता हैं. मामा को संपर्क किया तो 4 जून को ही NTA को तीन लीगल और 7 नोटिस email पर भेजे गए, जिसमें आयुषी की ओएमआर शीट मेल पर देने को कहा गया. 24 घंटे बाद NTA ने जो ओएमआर शीट मेल पर भेजी उसको देख आयुषी और उसका पूरा परिवार हैरान था. ओएमआर शीट बीच से फटी हुई थी. लेकिन आयुषी के द्वारा भरे गए ओएमआर शीट के गोले साफ दिखाई पड़ रहे थे. इसे देखने के बाद ही आयुषी ने मांग रखी है कि ओएमआर शीट फटने के लिए वह जिम्मेदार नहीं है और अगर ओएमआर शीट फट भी गई है तो उसका रिजल्ट ना रोका जाए.
मां की आंखों में आंसू- मेरी बेटी के साथ नहीं होनी चाहिए नाइंसाफी
अपनी इसी डिमांड को लेकर आयुषी ने हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका डाली है कि जब तक उसकी ओएमआर शीट को लेकर हाई कोर्ट कोई निर्णय नहीं देती है तब तक नीट के जारी रिजल्ट पर आगे की प्रक्रिया रोक दी जाए. आयुषी के पिता संतोष पटेल की आलमबाग में एक छोटी सी मेडिकल स्टोर की दुकान है। मां शशी पटेल गृहणी हैं. बेटी सुबह 7 बजे कोचिंग जाती है तो शाम लौटती है. मां ने बताया कि बेटी घर लौटकर भी भरपेट खाना नही खाती क्योंकि फिर रात में नींद आ जाएगी. लेकिन उसकी इस मेहनत पर NTA की लापरवाही से पानी फिरता नजर आया तो आयुषी की मां शशि की आंखों में पानी उतर आया. मां कहती है कि बेटी ने इतनी मेहनत की, उसने ईमानदारी से परीक्षा दी तो उसका रिजल्ट भी आना चाहिए. उसकी बेटी के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए. अब हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर की गई याचिका पर बुधवार को सुनवाई होनी है.
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