Prayagraj News: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव इन रिलेशन को लेकर अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि किसी भी धर्म, जाति के बालिग जोड़ों को साथ में रहने की पूरी स्वतंत्रता है. कोर्ट ने साफ कहा कि चाहे युवक और युवती अलग-अलग धर्मों और जातियों से संबंध रखते हो. मगर अगर वह दोनों साथ रहना चाहते हैं तो उन्हें इसका पूरा अधिकार है. हाई कोर्ट ने कहा कि उनके माता-पिता या किसी अन्य को उनके शांतिपूर्ण जीवन मे हस्ताक्षेप करने का अधिकार नही है. हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद नोएडा की रजिया को बड़ी राहत मिली है.
ADVERTISEMENT
दूसरे धर्म के युवक के साथ लिव इन में रहती है रजिया
मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी. याचिका में कहा गया था कि युवती और युवक दोनो बालिग हैं. वह दोनों अपनी मर्ज़ी से लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं और भविष्य में शादी करना चाहते हैं. याचिका में कहा गया था कि युवती के परिजनों को ये बात पसंद नहीं है. आशंका जताई गई थी कि इस केस में हत्या भी की जा सकती है.
मिली जानकारी के मुताबिक, इसको लेकर युवती और युवक ने पुलिस कमिश्नर के यहां 4 अगस्त को शिकायत दर्ज करवाई थी और सुरक्षा की गुहार लगाई थी. मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़ित पक्ष की तरफ से कह गया है कि पुलिस ने सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया. इसके बाद पीड़ित पक्ष हाईकोर्ट की शरण मे आया.
मुस्लिम धर्म में है अपराध
अपर शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि दोनों अलग-अलग धर्म के हैं. युवती मुस्लिम धर्म से संबंध रखती है और मुस्लिम लॉ में ये अपराध है. इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देते हुए बालिग जोड़ो को अपनी मर्ज़ी से एक-दूसरे के साथ रहने का अधिकार दे दिया. कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसे जोड़ो को जो भी परेशान करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी पुलिस की होगी.
ADVERTISEMENT