प्रयागराज के ऊंचडीह स्टेशन के पास टिकट चेकिंग के दौरान एक यात्री को दो जीआरपी जवानों द्वारा चलती ट्रेन से नीचे फेंकने का आरोप लगा है. जिसके बाद मुसाफिर की मौत हो गई. अरुण नाम का यात्री झारखंड के रहने वाला था और मुम्बई हावड़ा मेल से दीपावली पर अपने साथियों के साथ घर लौट रहा था.
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घटना के बाद यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया और मृतक के दोस्त ने घटना को अंजाम देने वाले सिपाहियों के खिलाफ लिखित तहरीर दी. अधिकारियों ने आरोपी सिपाही कृष्ण कुमार और आलोक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज की है. आरोपियों को वाराणसी कोर्ट ने जेल भेज दिया है. वही एसपी जीआरपी सिद्दार्थ मीना ने दोनों आरोपी सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक अरुण मुंबई में रहकर काम करता था और अपने दोस्त अर्जुन भुइया व हरि के साथ 19 अक्टूबर को ट्रेन से लौट रहा था. अर्जुन के मुताबिक जब वह स्टेशन पहुंचे तो ट्रेन चलने लगी और उन्हें ट्रेन में बिना टिकट लिए चढ़ना पड़ा. उन्होंने टीटी से टिकट बनवा लिया और जनरल बोगी में यात्रा कर रहे थे. इस दौरान प्रयागराज के ऊंचडीह स्टेशन के पास जीआरपी के सिपाहियों के साथ ट्रेन टिकट को लेकर अरुण भुइया से कहासुनी हुई.
जीआरपी के साथ कहासुनी के दौरान अरुण भुइया गेट के पास खड़ा था. जिसके बाद कथित तौर पर विवाद होने पर जीआरपी के सिपाहियों ने अरुण को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया.
आरोप है कि उन सिपाहियों ने अरुण से 200 रूपये भी लिए लिए. यह सब देख कुछ लोगों ने चेन पुलिंग की जब तक ट्रेन रुकती तब तक ट्रेन बहुत दूर निकल चुकी थी और आगे आने वाले स्टेशन विंध्याचल पर रुक कर इस घटना की सूचना जीआरपी पुलिस को दी. देर रात पुलिस जब वहां पहुंची तो पटरियों पर अरुण की लाश पड़ी थी. पुलिस ने शव का पंचनामा भर उस को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. दूसरे दिन साथियों की तहरीर पर जीआरपी के दो सिपाहियों पर एफ आई आर लिख ली गई. फिलहाल एसपी जीआरपी ने दोनों आरोपियों को सस्पेंड कर दिया है.
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