देश में कोल संकट के बीच पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहरों के साथ-साथ तहसील और ग्रामीण क्षेत्रों में पावर सप्लाई को लेकर बिजली विभाग के साथ बैठक की थी. बैठक में यह तय हुआ था कि शाम 6 बजे से सुबह 7 बजे तक कोई बिजली कटौती नहीं होगी. इसके बावजूद रामपुर जिले का एक ऐसा गांव है, जहां पर मात्र 2 से 3 तीन घंटे ही बिजली मिल पा रही है. इसके चलते यहां के स्थानीय लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बच्चे अपने परीक्षाओं की तैयारियां मोमबत्तियां जलाकर उसकी रोशनी में कर रहे हैं.
ADVERTISEMENT
रामपुर जिले की तहसील बिलासपुर क्षेत्र का भरतपुर गांव, जो उत्तराखंड के बॉर्डर से सटा है, जहां पर बड़ी संख्या में आबादी निवास करती है. यहां के लोग बिजली की समस्या से बहुत परेशान हैं. यहां के लोग कारोबारी हैं और उनके बच्चे अपने-अपने परीक्षाओं की तैयारियां भी करते हैं. इसके बावजूद यहां 2 साल से अधिक समय से पावर सप्लाई की स्थिति बेहद दयनीय है. गांव में 24 घंटे में महज 2 से 3 घंटे तक ही लोगों को बिजली मिल पा रही है.
यहां के लोग अपनी रातें अंधेरे में गुजारने को मजबूर हैं. कम समय के लिए बिजली आने पर ना ही लोगों के इन्वर्टर चार्ज हो पाते हैं, ना लैपटॉप और ना ही टीवी, फ्रिज आदि चल पा रहे हैं. लोगों में बिजली की समस्या को लेकर सरकार के प्रति और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ बिजली विभाग के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है.
गांव के निवासी पवन वर्मा का कहना है, “यहां बिजली के बहुत बुरे हालात हैं. बिजली संकट की वजह से बच्चे भी नहीं पढ़ पा रहे हैं. हम लोग भी आते हैं जब दुकानदारी करके ना लाइट होती है, ना इन्वर्टर चार्ज रहता है. हम सो नहीं पाते हैं. बिजली नहीं रहने के कारण छोटे बच्चों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लाइट नहीं आने के बाद भी महीने का 8 से 10 हजार या उससे ऊपर भी बिजली का बिल आ जाता है.”
गांव के अन्य निवासी राजेंद्र प्रसाद सिंह का कहना है, “मैं पूर्व सैनिक हूं और मैं यहां मकान बनाकर रह रहा हूं. सेकंड फ्लोर पर बाईपास सर्जरी कराया हुआ हूं. हार्ट की आर्मी हॉस्पिटल दिल्ली से आने के बाद इतनी समस्या हो रही है क्योंकि लाइट नहीं रहने से लिफ्ट में आने-जाने की बहुत प्रॉब्लम हो रही है. हार्ट की प्रॉब्लम होने से मैं सीढ़ियां नहीं चल सकता. यहां हमारे डॉक्टर भी रहते हैं वह विकलांग हैं. उनके लिए भी बहुत समस्या है.”
उन्होंने आगे कहा, “छोटे बच्चे और बुजुर्ग बहुत ज्यादा समस्या झेल रहे हैं. इमरजेंसी में जनरेटर चलाते हैं लेकिन बाद में वे किसी कारण नहीं चल पाता है. हम चाहते हैं कि लाइट की समस्या जल्दी दूर हो जाए. 24 घंटे में बिजली 6 घंटे से ज्यादा नहीं रहती है. बिजली नहीं होने की वजह से हम बुजुर्गों को बहुत ज्यादा परेशानियां का सामना करना पड़ता है.”
गांव की रहने वाली छात्रा वानी त्यागी का कहना है, “सरकार ने कहा था कि 17 से 18 घंटे मिनिमम लाइट आएगी, वो यहां पर नहीं आती है. यहां पर मुश्किल से 4 से 5 घंटे लाइट आती है. दिन में थोड़ी लाइट आती है. दोपहर में एक-दो घंटे ही बिजली आती है उसमें इन्वर्टर वगैरह चार्ज होने लगते हैं और दोपहर में वैसी पढ़ाई नहीं हो पाती. रात में लाइट गायब हो जाती है और रात में भी हम लोग नहीं पढ़ पाते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स कर रही हूं दिसंबर में मेरा एग्जाम है. लाइट नहीं होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई करना भी मुश्किल हो गया है. बिजली नहीं होने से लैपटॉप चार्ज नहीं हो पाते हैं. हम यही चाहते हैं कि यहां पर कम से कम 17 से 18 घंटे तो लाइट होनी चाहिए. 24 घंटे लाइट का था लेकिन वह नहीं हो पा रहा है कल रात 9 बजे लाइट चली गई थी आज 11 बजे आई है. बीच में कुछ पढ़ाई नहीं कर पाए.”
बिजली की समस्या पर जिला अधिकारी रविंद्र कुमार मांदर का कहना है, “अभी थोड़ा कोल संकट को लेकर दिक्कतें हो रही हैं. माननीय मुख्यमंत्री द्वारा डायरेक्शन दिए गए हैं कि विभिन्न त्योहारों को देखते हुए रात्रि में भरपूर बिजली दिया जाए. बिजली विभाग को शाम 6:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक लगातार बिजली देने के निर्देश दिए गए हैं.”
रविंद्र कुमार मांदर ने कहा, “अभी तो दिन में भी कोई प्रॉब्लम नहीं है. कहीं पर कोई बात होता है तो बिजली विभाग उसे देख लेता है. मैं अपनी तहसीलों के माध्यम से एक बार चेक करा लेता हूं. बिजली की समस्या को लेकर बिजली विभाग से पूछते हैं. अगर कोई ऐसा इश्यू होता है तो निश्चित रूप से हम इसको ठीक कराएंगे.”
विद्युत व्यवस्था को लेकर CM ने की बैठक, कहा- ‘गांव हो या शहर, रात में नहीं कटेगी बिजली’
ADVERTISEMENT