Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के आगरा में तहसील सदर में तैनात लेखपाल चौधरी भीम सेन पर 10 लख रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगा है. चौधरी भीमसेन पर रिश्वत के आरोप के बाद उनकी मारुति स्विफ्ट गाड़ी को सदर तहसील से ले जाकर थाना शाहगंज में खड़ा कर दिया गया था. कथित रिश्वत की रकम को बरामद करने के लिए आज फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया. फोरेंसिक टीम और पुलिस ने खोलकर चेक किया जिसमें से 10 लाख के पांच सौ रुपए के नोटों की गड्डियां बरामद हुई हैं.
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10 लाख रिश्वत लेने का आरोप
बता दें कि चौधरी भीमसेन पर लेखपाल भीमसेन पर खतौनी में नाम ठीक कराने के लिए 10 लाख रूपये की रिश्वत लेने का आरोप है. रिश्वत की रकम 5-5 लाख करके दो बार में ली गई. आरोप है कि ताजगंज इलाके के एक होटल में रिश्वत का लेनदेन हुआ. लेखपाल चौधरी भीमसेन ने यह कथित रिश्वत की रकम एक कृषि भूमि पर तीन भाइयों के नाम दुरुस्तीकरण के लिए ली थी. जमीन गांव बमरौली कटारा में है. यह जमीन करीब 2 बीघा है. जमीन के दस्तावेजों में तीन भाइयों में से एक भाई का नाम गलत था.
अधिकारियों को देख कार छोड़ भागा लेखपाल
खरीददार जल्दी नाम को ठीक कराना चाहता था. काम को जल्दी कराने के एवज में रिश्वत ली गई. आरोप लगाने वाले उमेश राणा ने बताया कि, ‘लेखपाल के रिश्वत लेने के बाद से वह उसका पीछा कर रहे है. होटल में रिश्वत की डीलिंग के बाद लेखपाल सदर तहसील में अपनी गाड़ी लेकर आया. आरोपी लेखपाल अपनी गाड़ी सदर तहसील में छोड़कर भाग गया. लेखपाल चौधरी भीमसेन का बेटा सदर तहसील आ जाता है. अधिकारीयों ने भीम सैन के बेटे से गाडी खोलने के लिए कहा. कई घंटे तक गाड़ी को खोलने के लिए हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. आरोपी लेखपाल के बेटे ने बाद में पुलिस को बताया की गाडी की चाबी खो गई है.’
दर्ज हुई FIR
मौके पर एसडीएम सदर सदर तहसीलदार सहित एसीपी लोहामड़ी मय फ़ोर्स के साथ आ गए. अधिकारियों ने कार को पुलिस के हवाले कर दिया. अब कैमरे की निगरानी में कार को खोला जाएगा. आरोपी लेखपाल पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. पूरे मामले में थाना शाहगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुर कर दी है.
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