गाजियाबाद (Ghaziabad news) के चार्म्स कैसल सोसायटी के लिफ्ट में डॉग बाइट (Dog Bite) के मामले में गाजियाबाद नगर निगम ने कार्रवाई की है. निगम ने डॉग ओनर पर 5000 का जुर्माना लगाया है. निगम ने डॉग ओनर को लेटर जारी करते हुए कहा कि कुत्ते को ओनर ने अनाधिकृत रूप से रखा था, जो हर वक्त भौंकता रहता था. यही नहीं डॉग ओनर इस कुत्ते को खुला देते थे जिससे आसपास के लोगों को काटने और रैबिज के खतरे का लोगों को सामना करना पड़ सकता है.
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निगम ने लेटर में कहा कि गाजियाबाद नगर निगम सीमा में डॉग वालने के लिए उसका रजिस्ट्रेशन और टीकाकारण कराया जाना जरूरी है. निरीक्षण के बाद ये पाया गया कि कुत्ते का पंजीकरण नहीं कराया गया था. गौरतलब है कि गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन की चार्म कैसल सोसाइटी में लिफ्ट में छोटे बच्चे को कुत्ते ने काट लिया. ये घटना सीसीटीवी में कैद हो गई.
सीसीटीवी में डॉग ओनर की लापरवाही और बच्चे को काटने के बाद मामले में उनकी उदासीनता भी सामाने आई. इस घटना को लेकर सोसायटी के लोगों में काफी रोष है. बताया जा रहा है कि इस कुत्ते ने कई लोगों को काटा है. इधर सोसाइटी के मेंटेनेंस स्टाफ ने सोसायटी की सभी लिफ्ट के अंदर कुत्ते को नहीं लाने का नोटिस चस्पा कर दिया है.
खबर के अनुसार, कुत्ते की मालकिन यहां किराए पर एक फ्लैट में रहती है. पता चला है कि मेंटेनेंस स्टाफ ने मकान मालिक को मेल कर घटना कि जानकारी दी है और मकान खाली कराने की अपील की है.
गाजियाबाद में राजनगर एक्सटेंशन के चार्म्स कैसल सोसायटी के एक रहवासी राजीव शर्मा ने बताया कि इसी डॉग ने डेढ़ महीने पहले उनकी बेटी को भी काट लिया था. सोसाइटी के लोगों ने बताया कि इस डॉग ने कई लोगों को काटा है. बताया जा रहा है कि बीगल नस्ल का कुत्ता है. एक्सपर्ट बता रहे हैं कि इस ब्रीड के कुत्तों का स्वभाव अग्रेसिव होता ही नहीं है. ये डॉग बच्चों के साथ खेलते हैं. उनको रखने वाले नासमझी करते हैं.
एक की गलती से कई हो रहे परेशान
सोसायटी के डॉग ओनर्स ने यूपी तक को बताया कि एक डॉग ओनर की गलती से दूसरों को परेशान किया जा रहा है. नोटिस भेजे जा रहे हैं और पाबंदिया लगाई जा रही हैं. ध्यान देने वाली बात है कि कानून के मुताबिक डॉग को लीश पहनाकर ही घुमाना है. किसी भी कॉमन एरिया जैसे लिफ्ट, लॉबी या और कहीं भी डॉग्स या किसी डोमिस्टिक पेट को लाने ले जाने की कोई मनाही नहीं है. अगर कोई ऐसा करने से मना करता है तो वो कानून के मुताबिक गलत है. अग्रेसिव डॉग्स को मजला पहनाकर घुमाना चाहिए पर ये कानून में नहीं बल्कि डॉग ओनर की समझदारी पर निर्भर करता है.
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