Thug Natwar Lal Story: ‘मैंने लोगों को कभी भी पैसों के लिए नहीं डराया-धमकाया…’ यह बात देश के उस ठग ने कही थी, जिसने वकालत की पढ़ाई करने के बाद ठगी को अपना पेशा बनाया था. जी हां हम बात कर रहे हैं मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव उर्फ नटवार लाल की. नटवार लाल वो शख्स था जिसने ठगी के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से लेकर पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के नाम तक का इस्तेमाल किया. बिहार के सीवान जिले के बंगरा गांव का रहने वाले नटवार लाल ने देश के बड़े-बड़े ऐतिहासिक धरोहरों तक को बेच डाला था. नटवर लाल सिर्फ शातिर ही नहीं हाजिर-जवाबी और साहस का भी मिश्रण था.
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नटवर लाल ने तीन बार बेचा था ताजमहल
ऐसा कहा जाता है कि ठगी के मास्टर नटवर लाल ने 3 बार आगरा का ताजमहल, दो बार लाल किला, एक बार राष्ट्रपति भवन और एक बार संसद भवन तक को बेच दिया था. आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के फर्जी साइन करके नटवर लाल ने संसद को बेच दिया था. जिसे समय संसद को बेचा था, उस समय सारे सांसद वहीं मौजूद थे.
नटवर लाल के थे इतने नाम
कहते हैं कि नटवर लाल के 52 नाम थे, उनमें से एक नाम नटवर लाल था. सरकारी कर्मचारी का भेष में नटवर लाल ने विदेशियों को ये सारे स्मारक बेचे थे. इनकी ठगी पर ‘मिस्टर नटवर लाल’ फिल्म भी बन चुकी है. जिसमें अमिताभ बच्चन ने इनका रोल निभाया है.
इतने मामलों में मोस्ट वॉन्टेड था नटवर लाल
गौरतलब है कि 8 राज्यों में 100 से अधिक मामलों में नटवरलाल का नाम ‘मोस्ट वॉन्टेड’ की सूची में था. पुलिस ने 9 बार नटवरलाल को गिरफ्तार किया था, जिनमें से 8 बार वो पुलिस वालों को चकमा दे फरार हुआ थे. सिंहभूम की अदालत ने नटवर लाल को 19 साल, दरभंगा की अदालत ने 17 साल की कैद और 2 लाख का जुर्माना और पटना के एक जज ने 5 साल की सजा सुनाई थी. सिर्फ बिहार में नटवरलाल को 100 साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई थी.
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