UP News: संभल हिंसा को लेकर कल ही समाजवादी पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा कदम उठाया था. सपा मुखिया ने संभल बवाल को लेकर 15 सदस्य प्रतिनिधिमंडल का ऐलान किया था, जो आज यानी 30 नवंबर के दिन संभल जाना था. माना जा रहा था कि ये प्रतिनिधि मंडल संभल में जाकर पीड़ितों से मुलाकात करेगा और फिर अपनी एक रिपोर्ट अखिलेश यादव को सौंपेगा.
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ये पूरा प्रतिनिधिमंडल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में संभल जा रहा था. मगर अब सरकार और प्रशासन इसको लेकर अलर्ट हो गया है. बता दें कि सपा प्रतिनिधि मंडल में शामिल नेताओं को उनके घरों और ग्रह जनपदों में ही रोका जा रहा.
माता प्रसाद पांडे के आवास पर पुलिस फोर्स तैनात
आपको बता दें कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के लखनऊ स्थित आवास के बाहर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है. दरअसल कल ही संभल जिलाधिकारी ने माता प्रसाद पांडे को जिले में निषेधआज्ञा लागू होने का आदेश भेजा था.
संभल में 5 से अधिक लोग एक साथ जमा नहीं हो सकते हैं. इसी के साथ फिलहाल संभल में किसी भी तरह के जुलूस निकालने या प्रदर्शन करने पर भी रोक लगी हुई है. संभल जिलाधिकारी ने धारा-163 लगा दी है. ऐसे में सरकार और प्रशासन सपा प्रतिनिधि मंडल में शामिल नेताओं को उनके आवासों या जिले के बाहर ही रोक रहा है.
ये नेता हैं सपा प्रतिनिधिमंडल में शामिल
बता दें कि इस प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे समेत विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव और सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल शामिल हैं. इसी के साथ सपा सांसद हरेंद्र मलिक, सांसद रुचि वीरा, सांसद इकरा हसन, सांसद जियाउर रहमान बर्क, सांसद नीरज मौर्य भी इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल हैं.
सपा प्रतिनिधिमंडल में विधायक कमाल अख्तर, रविदास मल्होत्रा, नवाब इकबाल महमूद, पिंकी सिंह यादव के साथ-साथ संभल मुरादाबाद और बरेली के जिला अध्यक्ष का भी नाम है.
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