राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के शीर्ष पदाधिकारी सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले इन दिनों उत्तर प्रदेश में है. वह यूपी के 7 दिनों के दौरे पर हैं. उनका यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. बता दें कि साल 2025 को संघ के 100 साल पूरे हो जाएंगे. ऐसे में संघ एक नई कार्ययोजना पर काम कर रहा है.
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मिली जानकारी के मुताबिक, आरएसएस, गांव-गाव तक संघ की शाखा पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है. संघ ने लक्ष्य बनाया है कि जो लोग संघ की शाखाओं में व्यस्तता की वजह से नहीं आ पाते हैं ऐसे लोगों तक संघ के लोग पहुंचे.
मिली जानकारी के मुताबिक, संघ ने लक्ष्य बनाया है कि पर्यावरण-गोसेवा-नर नारायण सेवा-गोरक्षा अभियान सहित ऐसे तमाम संगठन, जो जनसेवा का कार्य कर रहे हैं उन्हें संघ अपने कार्यक्रमों के जरिए जोड़ेगा. इसी के साथ वह वर्ग जो काफी बिजी रहता है, जिनके पास शाखाओं में आने के लिए सुबह और शाम का समय नहीं होता है, ऐसे लोगों तक भी अब संघ पहुंचने की कोशिश करेगा.
प्रबुद्ध लोगों को जोड़ने की एक कोशिश कर रहा आरएसएस
मिली जानकारी के मुताबिक, आरएसएस शहरों-कस्बों और गांवों में काम करने वाले संगठनों को एक सूत्र में पिरोने की योजना बना रहा है. कई लोग ऐसे होते हैं जो व्यस्त होने के बाद भी कहीं रक्तदान करते हैं, चैरिटी का काम करते हैं, कोई थोड़ा वक्त गौ सेवा में देता है, कोई पर्यावरण पर काम करता है, कोई संस्था लोगों के लिए मुफ्त भोजन संस्था चलाती है, कुछ लोग अस्पतालों में मरीजों और तीमारदारों की सेवा करते हैं, कुछ लोग संगठन बनाकर कानूनी परामर्श देते हैं, कुछ लोग मेडिकल कैंप लगाते हैं, इन सभी संगठनों और उनके कार्यकर्ताओं के साथ आरएसएस जुड़ने की कोशिश कर रहा है.
संघ का मानना है कि ऐसे छोटे-छोटे संगठन दिखते कम हैं, लेकिन उनके कार्य बड़े बोते हैं. संघ ऐसे ही प्रबुद्ध लोगों को जोड़ने की एक कोशिश कर रहा है. आरएसएस को उम्मीद है कि 2025 यानी कि जब आरएसएस अपने 100 साल पूरे करेगा तो ऐसे छोटे संगठनों से जुड़े प्रबुद्ध जनों को जोड़कर वह अपने आकार और आधार को और बड़ा बना लेगा.
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