हाथरस में पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद राहुल गांधी ने क्या कुछ कहा? तफ्सील से जानिए

यूपी तक

05 Jul 2024 (अपडेटेड: 05 Jul 2024, 12:51 PM)

Rahul Gandhi in Hathras News: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाथरस में भगदड़ की घटना के संबंध में शुक्रवार को कहा कि प्रशासन की ओर से चूक हुई थी.

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Rahul Gandhi in Hathras News: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाथरस में भगदड़ की घटना के संबंध में शुक्रवार को कहा कि प्रशासन की ओर से चूक हुई थी. कांग्रेस नेता ने साथ ही कहा कि वह इसे ‘‘राजनीतिक’’ रंग नहीं देना चाहते. राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पीड़ितों के लिए बिना किसी देरी के 'अधिकतम मुआवजा' जारी करने का भी आग्रह किया. मालूम हो कि हाथरस जिले के फुलरई गांव में दो जुलाई को एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए थे.

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हाथरस में शुक्रवार सुबह पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में गांधी ने कहा, ‘‘यह दुख की बात है कि इतने परिवारों को कष्ट सहना पड़ा, इतने लोगों ने अपनी जान गंवा दी.’’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं राजनीतिक नजरिए से बात नहीं करना चाहता, लेकिन प्रशासन की ओर से कुछ चूक हुई है. गलतियां हुई हैं और उनकी पहचान की जानी चाहिए.’’ गांधी ने कहा कि पीड़ित परिवारों के लिए यह कठिन समय है और उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा चाहिए क्योंकि वे गरीब हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से ‘अधिकतम मुआवजा’ देने का आग्रह किया.

 

 

राहुल गांधी ने कहा, "गरीब परिवार हैं और उनके लिए यह कठिन समय है, इसलिए अधिकतम मुआवजा दिया जाना चाहिए. मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे खुले दिल से मुआवजा दें. वे गरीब लोग हैं और उन्हें अभी इसकी जरूरत है. अगर आप उन्हें छह महीने बाद, एक साल बाद देंगे या इसमें देरी करेंगे तो इससे किसी को फायदा नहीं होगा. मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए और जो भी दिया जाए, खुले दिल से दिया जाना चाहिए.'  राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उन्होंने (मृतकों) परिवार के सदस्यों के साथ ‘व्यक्तिगत तौर पर’ बातचीत की.

 कांग्रेस नेता के बताया, "मृतकों के परिजन ने कहा कि प्रशासन की ओर से चूक हुई है. पुलिस की जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वो नहीं थी. वे दुखी हैं, सदमे में हैं. मैं उनकी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहा हूं.’’

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस में हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया, जो इस संभावना की भी जांच कर रहा है कि धार्मिक सभा में मची भगदड़ के पीछे कोई साजिश तो नहीं थी. इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गयी थी, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं.

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