उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 13 नवंबर को राज्य में सियासी पारा और चढ़ने वाला है. इन दिन, जहां एक तरफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्यक्ष अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ जाने वाले हैं, तो वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव योगी आदित्यनाथ का गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर जा रहे हैं.
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शाह योगी के साथ आजमगढ़ में स्टेट यूनिवर्सिटी के अलावा कई और योजनाओं का शिलान्यास करने वाले हैं, तो वहीं अखिलेश यादव अपनी ‘समाजवादी विजय यात्रा’ का तीसरा चरण गोरखपुर से कुशीनगर की ओर निकालने जा रहे हैं.
मगर यह जंग केवल एक-दूसरे के गढ़ में जाकर अपनी सियासी ताकत दिखाने की ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के सियासी समीकरण से भी जुड़ी है.
इस बीच, यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा का कहना कि एसपी गोरखपुर जैसी धार्मिक जगह पर अपने पाप धोने जा रही है. उन्होंने कहा कि अखिलेश को गोरखपुर जाकर कुछ हासिल नहीं होना है. दूसरी तरफ रजा ने दावा किया कि अपने सांसद अखिलेश से त्रस्त आजमगढ़ की जनता अब बीजेपी में विश्वास दिखा रही है.
वहीं, एसपी एमएलसी और प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने कहा कि बीजेपी नेताओं के आजमगढ़ जाने से कुछ फर्क नहीं पड़ेगा, वहां की जनता हमेशा से एसपी के साथ है. उन्होंने कहा कि गोरखपुर में एक बड़ी ‘विजय यात्रा’ निकलने वाली है और बीजेपी वहां पर एसपी की ताकत देखेगी.
मोहसिन रजा ने योगी के 8 नवंबर के कैराना दौरे को लेकर कहा कि सीएम ने वहां जाकर दिखा दिया है कि वह हर किसी के साथ खड़े हैं. रजा ने कहा कि पिछली सरकारों में जो लोग त्रस्त हो गए थे, इस सरकार में उन्हें सुकून मिला है और सीएम का उनसे मिलना एक कड़ा संदेश है.
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